नोम पेन्ह, 4 नवंबर . हिंद महासागर के गर्भ में बसे देश कंबोडिया को लिंग के आधार पर होने वाली हिंसा (जीबीवी) को रोकने के लिए 10 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह सहायता एशियाई विकास बैंक (एडीबी) कंबोडिया को अनुदान के रूप में मुहैया कराएगा. सोमवार को इसकी प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, समाचार विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस अनुदान से देश को 2030 तक शून्य जी.बी.वी. के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. यह एडीबी का पहला एकल एशियाई विकास कोष (एडीएफ) अनुदान है, जो विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में लैंगिक समानता पर केंद्रित किया गया है.
इससे घरेलू और लैंगिक हिंसा पर लड़ने के लिए कंबोडिया को मजबूती मिलेगी. इसके अलावा एडीबी की यह परियोजना देश की अन्य क्षमताओं की गुणवत्ता और पहुंच को मजबूत करके स्थानीय स्तर पर सेवा वितरण में सुधार करेगी और पीड़ितों के लिए आश्रयों का नवीनीकरण करेगी. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में और ऐसी घटनाओं की रोकथाम को बढ़ावा देने के लिए किशोरों के स्कूल-आधारित कार्यक्रमों में डिजिटल समाधान का लाभ मुहैया कराया जा सकेगा.
इस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह रोकथाम और प्रतिक्रिया को जोड़ने के प्रयास में जीबीवी पर सूचना, शिक्षा और संचार संसाधनों तक 24/7 पहुंच के लिए डिजिटल समाधानों को बढ़ाएगा.
कंबोडिया के लिए एडीबी की कंट्री डायरेक्टर ज्योत्सना वर्मा ने इस पर जानकारी देते हुए कहा, “यह महत्वपूर्ण परियोजना प्रणालीगत प्रतिक्रियाओं को बढ़ाएगी, आश्रयों तक पहुंच का विस्तार करेगी, तथा यह सुनिश्चित करेगी कि पीड़ितों को उनकी आवश्यक देखभाल मिले.”
उन्होंने कहा, “इससे रोकथाम पर कंबोडिया में चल रहे समुदाय आधारित कार्यक्रमों को भी बढ़ावा मिलेगा, तथा स्थानीय समुदायों को जागरूकता बढ़ाने और हिंसा को घटित होने से पहले ही रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाया जाएगा.”
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जीबीवी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. कंबोडिया इससे निपटने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति भी कर रहा है. सरकार और नागरिक सामाजिक संगठन रोकथाम पर काम कर रहे हैं.
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