लखनऊ, 4 नवंबर . यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में 27 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 को मंजूरी देते हुए महाविद्यालय में न्यूनतम तैनाती को पांच वर्ष को घटाकर तीन वर्ष किया गया. बैठक में हुए फैसलों की जानकारी वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव ने दी.
उन्होंने बताया कि सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज के शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर निर्णय लिया गया. शिक्षक अब पांच वर्ष की न्यूनतम सेवा की जगह सिर्फ तीन साल बाद ही स्थानांतरण करवा सकेंगे. उन्होंने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग हेतु नियमावली उत्तर प्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 को मंजूरी दी गई है. महाविद्यालय में न्यूनतम तैनाती को 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष किया गया व यूपी में निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन को हरी झंडी मिली.
वहीं अन्य प्रदेशों के शिक्षण संस्थाओं को प्रदेश में स्थापित होने का अवसर भी मिलेगा. लखनऊ में अंग्रेज़ी एवं विदेशी भाषा केंद्रीय विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर की स्थापना हेतु तहसील सरोजिनी नगर में चकरौली परगना बिजनौर में 2.3239 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित कर उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि मध्य गंगा नहर परियोजना के द्वितीय चरण पुनरीक्षण प्रस्ताव को मंजूरी से संभल, अमरोहा व मुरादाबाद के 1850 ग्राम लाभान्वित होंगे. इसके साथ ही ललितपुर में भौरट बांध परियोजना के द्वितीय पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. वहीं केन बेतवा लिंक परियोजना हेतु प्रस्ताव को स्वीकृति से बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा.
प्रदेश में पशु चिकित्सकों की कमी को पूरी करने के लिए पशुपालन पाठ्यक्रम हेतु डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स हेतु नीति तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. प्रदेश सरकार ने नई शीरा नीति को मंजूरी देते हुए इसमें कोई बदलाव नहीं किया है. पिछली बार की तरह देशी मदिरा के लिए 19 फीसद शीरा मुहैया कराया जाएगा. चीनी मिलों को 20 रुपये कुंतल विनियामक शुल्क देना होगा. लघु उद्योगों को भी शीरा मुहैया कराने की व्यवस्था है. एफडीआई नीति में संशोधन प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के अंतर्गत 300 करोड़ के निवेश के प्रोत्साहन प्रस्ताव को हरी झंडी मिली है. सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों हेतु उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसके तहत कोई सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद यदि अपने किसी नॉमिनी, वारिस को नहीं छोड़ता, तो उसकी ग्रेच्युटी का पैसा सरकार को समाहित होता था, किंतु अब नए नीति के अंतर्गत इसको बदलाव किये जाने प्रस्ताव को मंजूर किया गया है. अब यदि कोई व्यक्ति सक्षम न्यायालय से इस प्रकार की परिस्थितियों में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है, तो उसे यह पैसा दे दिया जाएगा.
इसके अलावा जनपद बागपत में अंतरराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केंद्र स्थापना हेतु प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. बागपत तहसील के ग्राम हरियाखेवा में 1.069 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को निशुल्क हस्तांतरण को मंजूरी मिली है. प्रदेश के हेरिटेज इमारतों को संरक्षित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप द्वारा डेवलप करने के प्रस्ताव को कैबिनेट से हरी झंडी मिली है.
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