पटना, 2 नवंबर . बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. मतदान 13 नवंबर को और मतगणना 23 नवंबर को होगी.
चारों सीटों पर एनडीए और ‘इंडिया’ ब्लॉक के अलावा जन सुराज के प्रत्याशी भी मैदान में हैं. वैसे तो यह सिर्फ उपचुनाव है, अगले साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले इसे ‘इंडिया’ ब्लॉक और एनडीए के लिए साख की लड़ाई माना जा रहा है.
इनमें एक सीट है बेलागंज की, जो काफी चर्चा में है. इस सीट पर राजद का कई दशकों से कब्जा है. यहां पर राजद सांसद सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ यादव चुनाव लड़ रहे हैं. जदयू की टिकट पर मनोरमा देवी उन्हें चुनौती दे रही हैं. जन सुराज से मोहम्मद अमजद चुनाव लड़ रहे हैं.
मनोरमा देवी ने दावा किया है कि वह चुनाव जीतेंगी क्योंकि जनता इस बार परिवर्तन चाहती है. से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “विधानसभा में माहौल क्या चल रहा है यह तो जनता ही बताएगी. लेकिन, माहौल काफी अच्छा चल रहा है.
“मैं विधानसभा में घूम रही हूं. यहां पर बीते 35 साल से जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है. नाली, सड़क, पीने के लिए स्वच्छ जल नहीं है. बेलागंज की जनता अगर मुझे अपना समर्थन देती है तो हम सबसे पहले उन्हें मान-सम्मान देने का काम करेंगे. हालांकि, मैं हमेशा यहां की जनता के साथ संपर्क में रहती हूं. सीट जीतने के बाद क्षेत्र की जनता द्वारा जो भी कार्य बताए जाएंगे उन्हें पूरा कराने के लिए मैं तत्पर रहूंगी.”
जन सुराज के प्रत्याशी मोहम्मद अमजद ने कहा, प्रशांत किशोर के मैदान में आने से एनडीए और ‘इंडिया’ ब्लॉक में खलबली मची है. हम निश्चित तौर पर चुनाव जीतेंगे. यहां से पूर्व में राजद के विधायक ने कोई काम नहीं किया है.
एक अनुमान के मुताबिक, बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. इसके बाद मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. राजद का वोट बैंक यादव और मुस्लिम समाज माना जाता है.
कहा जा रहा है कि जन सुराज के प्रत्याशी मोहम्मद अमजद ने मुस्लिम समाज के वोटरों को अपने पक्ष में किया तो राजद की परेशानी बढ़ सकती है.
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डीकेएम/एकेजे