भोपाल 2 नवंबर . मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव कई मामलों में रोचक है. यहां तीसरी बार उप चुनाव हो रहा है और भाजपा के समक्ष जीत की हैट्रिक बनाने की चुनौती है. पिछले दो उप चुनाव में भाजपा के खाते में जीत आई थी.
राज्य की दो विधानसभा सीटों बुधनी और विजयपुर में उपचुनाव हो रहा है. बुधनी विधानसभा क्षेत्र पर हर किसी की नजर है, क्योंकि इसे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ माना जाता है. चौहान राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री हैं. यहां उप चुनाव चौहान के इस्तीफा देने के कारण हो रहा है, क्योंकि वह विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं.
बुधनी विधानसभा क्षेत्र के इतिहास पर गौर करें तो यह तीसरा उपचुनाव है और तीनों ही उपचुनाव का नाता शिवराज सिंह चौहान से है. यहां पहला उपचुनाव 1992 में हुआ था, जब शिवराज सिंह चौहान को विदिशा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ाया गया था. यहां के तत्कालीन सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई विदिशा के साथ लखनउ से निर्वाचित हुए थे और उन्होने विदिशा से इस्तीफा दे दिया था. तब चौहान बुधनी से विधायक हुआ करते थे. परिणामस्वरूप उप चुनाव हुआ. चौहान विदिशा से सांसद बने और फिर बुधनी में उप चुनाव हुआ.
बुधनी विधानसभा क्षेत्र में दूसरा उपचुनाव 2006 में हुआ, क्योंकि चौहान को पार्टी ने मुख्यमंत्री के तौर पर प्रदेश की कमान सौंपी थी. उस समय चौहान विदिशा से सांसद हुआ करते थे. चौहान ने बुधनी से विधानसभा का चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुए. उसके बाद से वह सभी चुनाव यहां से जीते. अब तीसरा उपचुनाव हो रहा है. इस बार भी चुनाव की वजह शिवराज सिंह चौहान हैंं, क्योंकि वे बुधनी से निर्वाचित हुए, उसके बाद पार्टी ने उन्हें विदिशा से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया और वह वहां से चुनाव जीते. पार्टी ने उपचुनाव में रमाकांत भार्गव को उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस की ओर से राजकुमार पटेल उम्मीदवार हैं.
भाजपा ने पिछले दो उपचुनाव जीते हैं और अब तीसरे उपचुनाव में जीत दर्ज कर हैट्रिक बनाने की पार्टी के सामने चुनौती है. भाजपा की ओर से चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है. चुनाव को केंद्रीय कृषि मंत्री की प्रतिष्ठा से भी जोड़ा जा रहा है. यहां 13 नवंबर को मतदान होने वाला है.
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एसएनपी/