मुंबई, 2 नवंबर . भारतीय शेयर बाजार संवत 2081 के आगमन के साथ ही निवेशकों के लिए बेहतर निवेश का नया रास्ता खोलने जा रहा है.
विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि निवेशकों के पास गतिशील और विकसित होते बाजार में अपने वित्तीय फैसलों को नया रूप देने का अवसर है.
यह परंपरा और समृद्धि के साथ, हरित ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विस जैसे सेक्टर में भारत की उच्च-विकास क्षमता के साथ जुड़ी निवेश रणनीतियों को लेकर एक आदर्श समय है.
बाजार के जानकारों के अनुसार, भारत की विकास पहल, मजबूत घरेलू मांग और इक्विटी बाजार में घरेलू बचत के बढ़ते रुझान को देखते हुए, आने वाला साल निवेश को लेकर नए मानक स्थापित करेगा.
संवत वर्ष 2080 में, निवेशकों की संपत्ति केवल एक वर्ष में 128 लाख करोड़ रुपये (वर्तमान विनिमय दर पर लगभग 1.5 ट्रिलियन डॉलर) बढ़कर 453 लाख करोड़ रुपये हो गई.
इससे संवत 2080 सबसे अधिक संपत्ति सृजन वाला वर्ष बन गया, जिसमें स्थिर सरकार, मजबूत बुनियादी ढांचे और घरेलू फंडों द्वारा रिकॉर्ड 4.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश शामिल था.
संवत 2080 में सोने और चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी देखी गई, दोनों कीमती धातुओं ने क्रमशः 32 प्रतिशत और 39 प्रतिशत का रिटर्न दिया.
टेलविंड फाइनेंशियल सर्विसेज के संयुक्त एमडी विवेक गोयल के अनुसार, “आज के बाजार में विविधीकरण जरूरी है”.
उन्होंने आगे कहा,”म्यूचुअल फंड, विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा में थीमैटिक फंड, किसी भी स्तर पर निवेशकों के लिए दीर्घकालिक विकास के साथ लाभ का संतुलित, सीधा रास्ता प्रदान करते हैं. निफ्टी 50 और सेंसेक्स जैसे इंडेक्स फंड भी भारत की शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों से पूंजी लगाने के लिए एक सुलभ और कम लागत वाला मार्ग प्रदान करते हैं. यह विशेष रूप से लगातार रिटर्न पाने के लक्ष्य वाले निष्क्रिय निवेशकों के लिए सही हैं.”
ओमनीसाइंस कैपिटल के स्मॉलकेस मैनेजर और सीईओ डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि जहां तक मैक्रो का सवाल है, इस बात पर विचार करें कि वास्तविक रूप से जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है, मुद्रास्फीति आरबीआई के लक्ष्य सीमा के भीतर है और अगले वर्ष वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना है.
उन्होंने कहा, “एशिया से यूरोप तक सप्लाई चेन को पटरी से उतारने वाले ब्लैक स्वान को छोड़कर, बाजारों के लिए रास्ता साफ है. बड़े कैप के काफी कम मूल्यांकन और बड़ी आय लाभ की उम्मीदों के साथ, यह संभावना है कि निफ्टी 50 और सेंसेक्स संवत 2081 में बहुत अधिक लाभ दे सकते हैं.”
स्थिर ब्याज दरों के साथ, निश्चित आय वाली प्रतिभूतियां और डेट म्यूचुअल फंड स्थिरता के साथ नियमित आय प्रदान करते हैं, जबकि सोने और चांदी में निवेश उनके सांस्कृतिक महत्व और मुद्रास्फीति और अस्थिरता के खिलाफ बचाव की वजह से पसंद किया जा रहे हैं.
विशेषज्ञों ने कहा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ भी बहुमूल्य धातुओं को रखने के लिए टैक्स-एफिशिएंट और सुलभ तरीके प्रदान करते हैं.
इसके अलावा, रियल एस्टेटस ट्रस्ट (आरईआईटी) के जरिए रियल एस्टेट एक मूल्यवान निवेश का तरीका बना हुआ है. यह निवेशकों को स्वामित्व की जटिलताओं के बिना भारत के बढ़ते वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र से लाभ उठाने का अवसर देता है.
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एसकेटी/एएस