ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय ने सर्वाइकल कैंसर की जांच और उपचार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की नई पहल

सिडनी, 1 नवंबर . सिडनी विश्वविद्यालय ने दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर की जांच और उपचार को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है.

न्यू साउथ वेल्स सिडनी विश्वविद्यालय ने बताया कि उसके विश्व-अग्रणी स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, किर्बी इंस्टीट्यूट को दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में 130,000 से अधिक महिलाओं के लिए सर्वाइकल कैंसर की जांच और उपचार सेवाओं में मदद के रूप में 25.9 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (17.04 मिलियन डॉलर) का दान मिला है.

समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ के अनुसार, यूएनएसडब्ल्यू सिडनी के इतिहास में यह सबसे बड़ा दान वैश्विक समूह स्वायर ग्रुप द्वारा दिया गया है. इस दान से किर्बी संस्थान को सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए क्षेत्रीय साझेदारों के साथ काम करने में मदद मिलेगी.

सर्वाइकल कैंसर दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौतों का पहला कारण है.

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के 99 प्रतिशत मामले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होते हैं. एचपीवी संक्रमण वाली अधिकांश महिलाओं में इसके लक्षण नहीं दिखाई देते. इसी के चलते एचपीवी और असामान्य कोशिकाओं की जांच करना और समय रहते इसके बारे में पता लगाना महत्वपूर्ण है.

1991 में सरकार द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय सर्वाइकल स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से ऑस्ट्रेलिया में सर्वाइकल कैंसर मामले और मृत्यु दर आधी रह गई है.

बता दें कि सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा कैंसर) महिलाओं में होने वाला एक आम कैंसर है. यह गर्भाशय के नीचे के भाग में होता है. यह ह्यूमन पैपिलोमावायरस संक्रमण, असुरक्षित यौन संबंध और कम उम्र में यौन संबंध बनाने के अलावा और कई कारणों से हो सकता है.

महिलाओं में इसके कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, इसमें असामान्य योनि स्राव, पेशाब करने में दर्द, अनियमित मासिक धर्म जैसे लक्षण शामिल है.

सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता और नियमित जांच से इसके खतरे को कम किया जा सकता है.

एमकेएस/