गाजियाबाद, 31 अक्टूबर . दिल्ली-एनसीआर में पिछले कई दिनों से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी गंभीरता को देखते हुए किसानों के पराली जलाने और किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर भी रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं.
किसानों द्वारा अगर पराली जलाने का प्रयास किया जा रहा है, तो उन पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की जा रही है.
वहीं अगर गाजियाबाद के लोनी की बात करें, तो यहां अवैध रूप से चलने वाली फैक्ट्रियों से निकलने वाले ई-वेस्ट को रात के अंधेरे में जलाया जाता है. इसके कारण आसपास के इलाकों में धुआं फैल जाता है. लोगों को सांस लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
वहीं, प्रशासन के ढुलमुल रवैये से अवैध कार्य करने वालों की हिम्मत लगातार बढ़ रही है. लोनी थाना क्षेत्र के चिरौडी गांव के जंगल में एक अवैध कालोनी के पास सड़क पर ई-वेस्ट को जलाया जाता है.
रात के अंधेरे में घने जंगल में जलाए जाने वाले ई-वेस्ट से निकलने वाला धुआं आसपास के इलाकों में फैल जाता है, जिससे सो रहे लोगों को सांस लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
तस्वीरों में आप देख सकते हैं किस तरह से कालोनी की सड़क पर भारी मात्रा में ई-वेस्ट को जलाया जा रहा है. आग की लपटें और उससे निकलने वाला धुआं लोगों को मौत बांट रहा है और प्रशासन व पुलिस इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.
बता दें कि सर्दी का मौसम दस्तक देते ही प्रदूषण का कहर अपने चरम पर पहुंच जाता है. इसकी वजह किसानों द्वारा पराली जलाना है.
हालांकि, किसानों से लगातार यह अपील की जा रही है कि वो पराली जलाने से परहेज करें. लेकिन, मौजूदा तस्वीरों से यह साफ जाहिर हो रहा है कि किसानों के बीच इस अपील का कोई खास फर्क नहीं पड़ता हुआ दिख रहा है.
उधर, प्रशासन ने भी सख्त लहजे में कह दिया है कि अगर कोई किसान पराली जलाता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बीते दिनों प्रशासन ने इस संबंध में बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया था कि पराली जलाने के मामले में कई किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा चुकी है.
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एसएचके/