नई दिल्ली, 31 अक्टूबर | भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के साथ भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने देश भर में 50 हजार से अधिक स्वदेशी 4जी साइट्स सफलतापूर्वक स्थापित कर ली है.
संचार मंत्रालय के अनुसार, 29 अक्टूबर तक स्थापित की गई 50,000 में से 41,000 साइट्स अब चालू हो चुकी हैं. इनमें से, लगभग 36,747 साइट्स परियोजना के चरण IX.2 के तहत स्थापित की गई और 5,000 साइट्स डिजिटल भारत निधि फंड द्वारा वित्त पोषित 4जी सेचुरेशन परियोजना के तहत स्थापित की गईं. बीएसएनएल का लक्ष्य 1,00,000 4जी साइट्स स्थापित करना है.
यह परियोजना सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के साथ साझेदारी में लाई गई है. परियोजना के तहत मई 2023 में 100,000 नए टेलीकॉम टावरों के लिए 4जी उपकरण प्रदान करने के लिए 24,500 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था. तेजस नेटवर्क, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स और आईटीआई भी कंसोर्टियम का हिस्सा हैं, जो देश की कनेक्टिविटी से जुड़ी जरूरतों को घरेलू टेक्नोलॉजी के साथ पूरा करने की क्षमता को दर्शाता है.
बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क को पूरी तरह से भारतीय कंपनियों द्वारा डिजाइन, विकसित और लागू किया गया है, जो “पूर्ण स्वदेशी” इनोवेशन की अवधारणा को दर्शाता है. यह भारत में टेलीकॉम के लिए एक नए युग की शुरुआत करता है. इस महीने की शुरुआत में, संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि बीएसएनएल जून 2025 तक 1 लाख साइट्स स्थापित कर अपना 4जी नेटवर्क देश भर में लॉन्च करने की उम्मीद के साथ काम कर रहा है.
उन्होंने यह भी कहा था कि टेलीकॉम ऑपरेटर उन्हें एक महीने के भीतर 5जी में अपग्रेड करेगा . बीएसएनएल ने भी अपने 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) और 3.6 गीगाहर्ट्कोज और 700 मेगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी बैंड्स के तहत कोर नेटवर्क के लिए परीक्षण भी पूरे कर लिए हैं . मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बीएसएनएल ने इस साल जुलाई तक 15000 एयर साइट्स स्थापित कर ली हैं.
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