राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर . राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में सरदार पटेल चौक का दौरा किया और सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में भी सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की.

राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, “देश का एकीकरण सुनिश्चित करने वाले, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि! सरदार पटेल एक महान देशभक्त एवं अग्रणी राष्ट्र निर्माता थे. उनके आदर्शों से हमें राष्ट्र निर्माण के लिए अनवरत कार्य करने की प्रेरणा लेनी चाहिए.”

वहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती के असवर पर श्रद्धांजलि दी है.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पोस्ट पर लिखा, “भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि. मजबूत, अखंड भारत का उनका दृष्टिकोण हमें सद्भाव, समावेशिता और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है. राष्ट्रीय एकता दिवस पर हम उनकी एकता की विरासत को बनाए रखने का संकल्प लें.”

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको याद करते हुए श्रद्धांजलि दी और कहा क‍ि राष्ट्र की एकता और संप्रभुता सरदार पटेल के जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें मेरा शत-शत नमन. राष्ट्र की एकता और संप्रभुता की रक्षा उनके जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी. उनका व्यक्तित्व और कृतित्व देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.”

बता दें कि पीएम सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती के मौके पर गुजरात के केवड़िया में हैं. इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण में भी यूनिटी की बात कही. उन्होंने बताया कि इसको बनाने के लिए देश के किसानों के पास से खेत में काम आने वाले औजारों का लोहा लाया गया, क्योंकि सरदार साहब किसान पुत्र थे.

दरअसल, हर वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाया जाता है. 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात के नडियाद में जन्मे सरदार पटेल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र को एकजुट करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

एकेएस/