नई दिल्ली, 30 अक्टूबर . पीएम मोदी ने 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के सभी बुजुर्गों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य कवर का शुभारंभ किया. उन्होंने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक आयुष्मान वय वंदना कार्ड के साथ मुफ्त अस्पताल उपचार का लाभ उठा सकते हैं.
70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज देने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के विस्तार को पहली बार सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी. यह मौजूदा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना परिवार योजना के अतिरिक्त है, जिसमें बुजुर्गों को सालाना 5 लाख रुपये का अलग से कवर मिलेगा.
भारत की बुजुर्ग आबादी 2050 तक दोगुनी होने की उम्मीद की जाएगी. जिसके साथ इस बुजुर्ग आबादी की वृद्धावस्था देखभाल की मांग बढ़ेगी. 2050 तक हर पांच में से एक व्यक्ति बुजुर्ग होगा.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘देश में 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक बुजुर्ग को आयुष्मान वय वंदना कार्ड के जरिए अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलेगा.’’
उन्होंने आगे कहा कि यह कार्ड यूनिवर्सल है और इसमें आय की कोई सीमा नहीं है, चाहे वह गरीब हो, मध्यम वर्ग हो या उच्च वर्ग हो. सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार 3,437 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश स्वास्थ्य नीति की दो विशेषताएं हैं. पहली यह समग्र है; इसमें रोकथाम, प्रचारात्मक, चिकित्सात्मक, पुनर्वास और दर्द निवारक सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया है.
दूसरी सभी सुविधाओं को एक छत के नीचे लाने का प्रयास बहुत महत्वपूर्ण है और इसे हमेशा याद रखा जाएगा.”
उद्योग विशेषज्ञों ने भी 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के सभी लोगों को स्वास्थ्य कवर प्रदान करने के कदम की सराहना की है, जिससे 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों सहित लगभग 4.5 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा.
नैटहेल्थ के अध्यक्ष और मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अभय सोई ने कहा, “यह पहल बुजुर्गों की देखभाल में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बड़ी बीमारियों के बोझ को कम करने में मददगार होगी. इसी के साथ स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी के रूप में देश की स्थिति भी मजबूत होगी.
आंकड़ों से पता चलता है कि केवल 20 प्रतिशत बुजुर्गों को ही किसी स्वास्थ्य बीमा से कवर किया जाता है, जबकि सामाजिक-आर्थिक श्रेणियों में इसमें और भी भिन्नता है. अधिकांश बुजुर्गों को एक या एक से अधिक बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ता है और बढ़ती उम्र के साथ दैनिक जीवन की गतिविधियों से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
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एसकेटी/केआर