चंडीगढ़, 29 अक्टूबर . पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह ने मंगलवार को राज्य, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) लुधियाना और इंडिया मेडट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक परिवर्तनकारी सहयोग की घोषणा की. यह पहली सार्वजनिक-निजी साझेदारी है, जिसका उद्देश्य स्ट्रोक के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए 6 लाख रुपये का मुफ्त उपचार प्रदान कर एक सुव्यवस्थित स्ट्रोक देखभाल मार्ग बनाना है.
विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह साझेदारी स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने तथा पंजाब के लोगों को उच्चतम गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता है.
उन्होंने कहा, “पंजाब सरकार, सीएमसी लुधियाना और मेडट्रॉनिक के बीच सहयोग स्वास्थ्य सेवा नवाचार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. मरीजों के देखभाल तक पहुंच में सुधार पर स्पष्ट ध्यान देने के साथ, इस पहल का उद्देश्य स्ट्रोक से संबंधित मौतों और विकलांगताओं को कम करना है, जो भारत में स्ट्रोक प्रबंधन के लिए एक नया मानक स्थापित करता है.”
मंत्री ने बताया कि यह साझेदारी स्ट्रोक देखभाल के लिए एक हब और स्पोक मॉडल प्रस्तुत करती है. इसके जरिए जल्द से जल्द देखभाल कर रोगी को लाभ पहुंचाना है.
उन्होंने कहा कि विश्व स्ट्रोक संगठन और एनएबीएच द्वारा प्रमाणित भारत का पहला उन्नत स्ट्रोक सेंटर, सीएमसी लुधियाना, उन्नत स्ट्रोक उपचार के लिए केंद्रीय “हब” के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने कहा कि राज्य भर में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का एक नेटवर्क “स्पोक” केंद्रों के रूप में कार्य करेगा, जो स्ट्रोक के रोगियों को तत्काल देखभाल प्रदान करने और उन्हें स्थिर करने के लिए सौंपा जाएगा.
इस अवसर पर मंत्री ने राज्य में स्ट्रोक की बढ़ती घटनाओं को संबोधित करने के महत्व पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, “पंजाब में स्ट्रोक की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण की आवश्यकता थी. यह साझेदारी राज्य में स्ट्रोक की देखभाल को बदलने में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह पहल स्ट्रोक के इलाज पर होने वाले जेब से होने वाले खर्च के कारण कई परिवारों को गरीबी में जाने से बचाएगी, क्योंकि लगभग 6 लाख रुपये का पूरा इलाज और देखभाल खर्च आम जनता के लिए मुफ्त होने जा रहा है.”
सीएमसी लुधियाना में न्यूरोलॉजी के प्रिंसिपल और प्रोफेसर तथा विश्व स्ट्रोक संगठन के अध्यक्ष जयराज डी. पांडियन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डीएडब्ल्यूएन और डीईएफयूएसई-III सहित उन्नत नैदानिक परीक्षणों ने इस्केमिक स्ट्रोक में लक्षणों की शुरुआत के बाद मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी के लिए उपचार की अवधि को 24 घंटे तक बढ़ा दिया है.
पांडियन ने कहा, “यह विस्तारित अवधि हमें स्ट्रोक के अधिक रोगियों का प्रभावी ढंग से इलाज करने, विकलांगता को कम करने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में सक्षम बनाएगी.”
मेडट्रॉनिक इंडिया के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष मनदीप सिंह कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह साझेदारी गंभीर स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों से निपटने में सार्वजनिक-निजी सहयोग की क्षमता को दर्शाती है. सीएमसी लुधियाना की विशेषज्ञता और सरकार के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के साथ उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके, हमें विश्वास है कि यह मॉडल पूरे पंजाब में स्ट्रोक देखभाल में पर्याप्त सुधार लाएगा.”
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