नई दिल्ली, 29 अक्टूबर . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नौसेना के सम्मेलन ‘स्वावलंबन’ में आईडेक्स (अदिति 3.0) प्रारंभ किया. वहीं डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डिस्क 13) का भी आरंभ किया गया. इनका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों और सामरिक कार्यक्षमता को उन्नत बनना है.
अदिति 3.0 में भारतीय नौसेना की ओर से एक उच्च-शक्ति माइक्रोवेव हथियार प्रणाली तैयार करने की चुनौती शामिल है. ‘डिस्क 13’ में सैन्य बलों के समक्ष आने वाली सात चुनौतियां रखी गई हैं. इनमें से तीन भारतीय सेना से और दो-दो भारतीय नौसेना एवं भारतीय वायु सेना से हैं. यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सैन्य संचार तथा ऑटोनॉमस बॉट्स आदि के क्षेत्रों से संबंधित हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्वावलंबन पहल के माध्यम से आईडेक्स के तहत 213 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और स्टार्ट-अप्स के साथ सहयोग किया गया है. अब तक 19 मामलों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्वीकृति पत्र दिए गए हैं, इनमें से 784 करोड़ रुपये तक के अनुबंध पूरे हो चुके हैं.
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत डिजिटल भुगतान के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया है. उन्होंने जनधन, आधार और मोबाइल त्रिमूर्ति का भी जिक्र किया, जिसने सरकारी योजनाओं के वितरण को आसान एवं पारदर्शी बना दिया है. सिंह ने इस प्रयास में सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन देते हुए कहा कि आप सही समय का इंतजार नहीं करते, बल्कि आप सही समय लेकर आते हैं.
उन्होंने कहा कि आप पूरी तरह सक्षम हैं और आपको नवाचार के माध्यम से नए विचारों के साथ आगे आना चाहिए. राजनाथ सिंह ने देश में स्टार्टअप की संख्या में वृद्धि का श्रेय युवाओं में नवाचार को दिया, जो अब एक लाख से अधिक हो गई है, जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि रक्षा विनिर्माण में स्टार्टअप बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और हमारे देश के युवाओं को एहसास हो गया है कि वे नवाचार के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं.
इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2047 तक ‘पूरी तरह से आत्मनिर्भर बल’ बनने का संकल्प लिया गया है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे पिछले दो संस्करणों की प्रेरणादायी सफलता ने हमें विस्तार करने के लिए प्रेरित किया है.
इस कार्यक्रम एक अन्य मुख्य आकर्षण मुंबई से तूतीकोरिन तक लगभग 1,500 किलोमीटर का स्वतंत्र मार्ग संचालित करने के लिए ‘सागरमाला परिक्रमा’ को हरी झंडी दिखाना था. इस मौके पर सेमीकंडक्टर जैसे विशिष्ट उत्पादों के लिए विनिर्माण क्षमता विकसित करने पर सुव्यवस्थित कार्य करने की दिशा में, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, 3आरडीटेक और भारत सेमीकंडक्टर्स के बीच एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया.
यहां थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह व रक्षा सचिव मनोनीत आरके सिंह भी उपस्थित थे.
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