नोएडा, 29 अक्टूबर . नोएडा पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसके पास से नौकरी दिलाने के नाम पर तैयार किए गए फर्जी नियुक्त पत्र, बैंक पासबुक, लेन-देन का विवरण, कम्प्यूटर व लैपटॉप बरामद हुए हैं.
थाना सेक्टर-58 नोएडा ने क्रिश्चियन ग्लोबल नेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पूरन कुमार तिमोथी को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में सेक्टर-57 से गिरफ्तार किया. आरोपी ने शिकायतकर्ता पीड़ित की पुत्री को कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 2.50 लाख रुपए लिए थे और न तो नौकरी दिलाई गई और न ही पैसा वापस किया गया.
पुलिस ने बताया कि जांच में पाया गया कि कनाडा व अन्य देशों में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर तथा फेसबुक व इंस्ट्राग्राम पर ऐड डालकर लोगों को लुभाकर फर्जी ऑफर लेटर बनाकर दे देना व नौकरी लगाने के नाम पैसा हड़पकर उनके साथ धोखाधड़ी करने वाला एक कॉल सेंटर क्रिश्चियन ग्लोबल नेट सर्विसेज चल रहा है. जिसका मैनेजिंग डायरेक्टर पूरन कुमार तिमोथी है, जो कनाडा व विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से पासपोर्ट वीजा व अन्य दस्तावेजों के नाम पर दो से तीन लाख रुपए लेता था और उन्हें वापस नहीं करता था. उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करके दे देता था.
पुलिस ने आरोपी के ऑफिस से बड़ी मात्रा में फर्जी नियुक्ति पत्र, बैंक पासबुक, लेन-देन का विवरण कम्प्यूटर व लैपटॉप आदि बरामद किए हैं. आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह क्रिश्चियन ग्लोबल नेट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर कार्य करता है. वह कंपनी अपने पार्टनर के साथ मिलकर चलाता है. यह कंपनी लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क कर उनको देश-विदेश में भेजने व विदेश में नौकरी दिलाने की सर्विस देने के नाम पर चलाते हैं. ये लोग विदेश में भेजने व नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से अपने खाते में पैसा डलवा लेते हैं. ये लोगों से धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से कंपनी चला रहे हैं.
आरोपी क्रिश्चियन ग्लोबल नेट सर्विसेज की आड़ में वरीना ट्रेवल्स नाम की कंपनी चलाता है. जिससे यह ज्यादातर लोगों से फर्जी तरीके से विदेश भेजने के नाम पर उनका वीजा व पासपोर्ट बनवाने के नाम पर पैसे लेता है. इससे पूछताछ में यह भी पता चला है कि अभी तक ये लोग पचास लाख से ऊपर रुपए ले चुके हैं, जिन्हें इसने वापस नहीं किया है. यह अपने स्टाफ को भी दो से तीन महीने में बदल देता था, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं हो पाती थी कि यह किसी की नौकरी नहीं लगवा रहा है.
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पीकेटी/एबीएम