राजस्थान: सीकर में पुलिया से टकराई बस, 12 लोगों की मौत, सीएम ने दुख जताया

जयपुर, 29 अक्टूबर . सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ इलाके में मंगलवार को एक बस पुलिया से टकरा गई. इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है. इस हादसे पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने दुख जताया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बस सालासर से लक्ष्मणगढ़ आ रही थी. इस दौरान बस अनियंत्रित होकर लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में पुलिया से टकरा गई. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया.

हादसे में घायल लोगों को इलाज के लिए लक्ष्मणगढ़ के सीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि, कई लोगों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें सीकर के कल्याण अस्पताल रेफर कर दिया गया है.

सीएम भजन लाल शर्मा ने इस हादसे पर दुख जताया है. सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “सीकर के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में बस दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है. मेरी गहरी संवेदनाएं मृतकों के शोक संतप्त परिवारजनों के साथ हैं. संबंधित अधिकारियों को घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दें. ओम शांति.”

वहीं राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए सड़क हादसे की खबर में कई लोगों की हुई असमय मृत्यु अत्यंत दुखद है. इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वे दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस असीम पीड़ा को सहन करने की शक्ति दें. इस घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं.”

जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा और पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना और राहत कार्यों का जायजा लिया.

प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही, मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की जा सकती है. इस हादसे ने दीपावली के उल्लास को मातम में बदल दिया है, जिससे पूरे क्षेत्र में गमगीन माहौल है. स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अस्पताल में डटे हुए हैं, ताकि घायलों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जा सके.

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