कोलकाता, 28 अक्टूबर . जूनियर डॉक्टर के संगठन पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में सहकर्मी के साथ हुए बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है. डब्ल्यूबीजेडीएफ ने सोमवार को घोषणा की कि वह काली पूजा से एक दिन पहले 30 अक्टूबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कार्यालय तक मार्च निकालेगा.
डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर उस दिन सीबीआई कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन भी करेंगे.
डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा, “हम सीबीआई की पहली चार्जशीट से सहमत नहीं हैं, जिसमें नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को बलात्कार और हत्या मामले में एकमात्र मुख्य आरोपी के रूप में पहचाना गया है. सीबीआई और कोलकाता पुलिस के बीच एक समझौता होने की संभावना है, जिसने शुरुआत में जांच को संभाला था.”
हाल ही में बलात्कार और हत्या के मुद्दे पर आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों के एक समूह ने अपना आंदोलन वापस ले लिया था. हालांकि, डब्ल्यूबीजेडीएफ ने घोषणा की थी कि भूख हड़ताल वापस लेने के बावजूद इस मुद्दे पर उनका आंदोलन जारी रहेगा.
डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने बताया कि इस मुद्दे पर उनकी ज्यादातर मांगें पश्चिम बंगाल सरकार से हैं, लेकिन वे इस मामले में सीबीआई जांच की प्रगति से भी संतुष्ट नहीं हैं. इसलिए हम केंद्रीय एजेंसी पर दबाव बनाए रखना चाहते हैं और हम बुधवार को सीबीआई कार्यालय तक विरोध मार्च निकाल रहे हैं.”
हाल ही में, पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने भी घोषणा की थी कि वे इस मुद्दे पर अपने आंदोलन का विस्तार राज्य के महानगरों और शहरी क्षेत्रों से आगे बढ़कर गांवों तक करेंगे.
इस मुद्दे पर जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक देबाशीष हलदर ने कहा था, “जब तक बलात्कार और हत्या के मामले की जांच तार्किक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाती और मामले में हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन अब सिर्फ मेट्रो, शहरी, उपनगरीय और जिला मुख्यालयों तक सीमित नहीं रहेगा. इसे अब दूरदराज के ग्रामीण इलाकों तक हम लेकर जाएंगे.”
–
एफजेड/