टोक्यो, 28 अक्टूबर . जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने सोमवार को कहा कि वह सरकार का नेतृत्व करने, बढ़ती आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे. इससे एक दिन पहले हुए आम चुनाव में उनके सत्तारूढ़ गुट को करारी हार का सामना करना पड़ा.
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के प्रमुख इशिबा ने चुनाव परिणाम को ‘कठोर’ बताया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘हम राजनीतिक गतिरोध बर्दाश्त नहीं कर सकते.’
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को एलडीपी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, इशिबा ने सत्तारूढ़ गठबंधन की संरचना को बदलने के विचार को फिलहाल खारिज कर दिया, लेकिन विपक्षी खेमे से नीतिगत विचारों को शामिल करने की इच्छा व्यक्त की.
एलडीपी और कोमिटो को संसद के शक्तिशाली सदन में 465 सीटों में से कुल 215 सीटें मिलीं, जो बहुमत के लिए जरूरी 233 सीटों से कम है.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एलडीपी ने अकेले 191 सीटें जीतीं जो कि चुनाव से पहले उसकी 247 सीटों से बहुत कम है.
इसके विपरीत, मुख्य विपक्षी संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी 148 सीटों पर पहुंच गई जो चुनाव से पहले 98 सीटों तक सीमित थी.
यह चुनाव ‘स्लश फंड घोटाले’ के बाद पहला राष्ट्रव्यापी मतदान है, जिसने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को हिलाकर रख दिया था. इसकी वजह से जनता का पार्टी में विश्वास कम हुआ और इसी के चलते फुमियो किशिदा को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा.
एलडीपी के चुनाव प्रमुख शिंजिरो कोइजुमी ने पार्टी के निराशाजनक चुनाव प्रदर्शन के के बाद प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
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