पार्टी को फंड देने वालों को कांग्रेस में मिलता है टिकट: हिमंत बिस्वा सरमा

रांची, 28 अक्टूबर . असम के मुख्यमंत्री और झारखंड चुनाव के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने वो तीन आधार बताए जिसको ध्यान में रख कांग्रेस के भीतर टिकट वितरण होता है.

रांची में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मैं भी कांग्रेस में 22 सालों तक रह कर भाजपा में आया हूं. कांग्रेस में टिकट मिलने को लेकर कुछ क्राइटेरिया (मापदंड) है, जिसमें से पहला चुनाव के समय पार्टी को फंड दिया जाना है. तो दूसरा है प्रत्याशी का किसी अच्छे परिवार से होना, जिसमें प्रत्याशी के पिता या दादा मंत्री, सांसद या विधायक रहे हों, तभी कांग्रेस पार्टी आपको टिकट देगी.

उन्होंने आगे कहा की कांग्रेस में टिकट देने का तीसरा क्राइटेरिया है कि आप पीएम मोदी को गाली दें और अभद्र भाषा का प्रयोग करते रहे. जो कांग्रेस के लिए काम करता है और पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, कांग्रेस उसको टिकट नहीं देती है.

झामुमो द्वारा चुनाव अधिकारी और कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को उनके पद से हटाने की मांग पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारी की नियुक्ति झामुमो और हेमंत सोरेन ने ही की थी. इसका मतलब आप मान चुके हैं कि जिस सरकार ने पांच साल काम किया, उसी के अधिकारी नाराज चल रहे हैं.

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पूरे देश में कहीं का भी रिकॉर्ड निकालकर देख लीजिए कि सरकारी अधिकारी को लेकर विपक्ष शिकायत करता है, सत्ताधारी पार्टी कभी शिकायत नहीं करती है. ऐसा मैं पहली बार सुन रहा हूं.

बता दें कि प्रदेश में कुल 81 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान प्रस्तावित हैं. पहले चरण के तहत प्रदेश की 43 विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान कराया जाएगा, जबकि दूसरे चरण के तहत राज्य की बाकी की 38 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होंगे. वहीं सभी सीटों के नतीजे एक साथ 23 नवंबर को सामने आएंगे.

एससीएच/केआर