2025 में वैश्विक चिप राजस्व 14 प्रतिशत बढ़कर 717 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर . वैश्विक सेमीकंडक्टर राजस्व 2025 में 14 फीसदी बढ़कर 717 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो इस वर्ष 630 अरब डॉलर है. यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.

गार्टनर की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले महीनों में मेमोरी बाजार और ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर राजस्व को बढ़ावा देंगे.

विश्वव्यापी मेमोरी राजस्व बाजार के 2025 में 20.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 196.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

2024 में निरन्तर कम आपूर्ति के कारण एनएएनडी फ्लैश मेमोरी की कीमतें 2024 में 60 प्रतिशत बढ़ जाएंगी, लेकिन 2025 में इनमें 3 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में कम आपूर्ति और नरम मूल्य निर्धारण परिदृश्य के साथ, 2025 में एनएएनडी फ्लैश मेमोरी फ्लैश राजस्व कुल 75.5 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 2024 से 12 प्रतिशत अधिक है.

2023 में गिरावट के बाद, सेमीकंडक्टर राजस्व में उछाल आ रहा है और 2024 और 2025 में दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है.

गार्टनर के वरिष्ठ प्रमुख विश्लेषक राजीव राजपूत ने कहा, “यह वृद्धि एआई से जुड़े सेमीकंडक्टर मांग में निरंतर वृद्धि और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में सुधार की वजह से देखी जा रही है. जबकि ऑटोमोटिव और औद्योगिक क्षेत्रों की मांग कमजोर बनी हुई है.”

इस बीच, अपर्याप्त आपूर्ति में सुधार, हाई-बैंडविड्थ मेमोरी के उत्पादन और बढ़ती मांग की वजह से डीआरएम (डायनैमिक रैंडम एक्सेस मेमोरी) की आपूर्ति और मांग को लेकर सुधार होगा. इसके अलावा, डबल डेटा रेट 5 की कीमतों के बढ़ने का भी असर दिखेगा.

रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर, डीआरएम राजस्व 2025 में 115.6 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है, जो 2024 में 90.1 बिलियन डॉलर से अधिक है.

जीपीयू ने एआई मॉडल के प्रशिक्षण और विकास में अपना दबदबा कायम रखा है. उनका राजस्व 2025 में 27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल 51 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है.

गार्टनर के उपाध्यक्ष विश्लेषक जॉर्ज ब्रॉकलहर्स्ट ने कहा, “हालांकि, बाजार अब निवेश पर प्रतिफल (आरओआई) चरण में जा रहा है, जहां अनुमान राजस्व को बढ़ाने की आवश्यकता है.”

एचबीएम राजस्व 2024 में 284 प्रतिशत से अधिक और 2025 में 70 प्रतिशत बढ़कर क्रमशः 12.3 अरब डॉलर और 21 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

एसकेटी/एबीएम