नई दिल्ली, 28 अक्टूबर . भारत में 10 में से 8 से ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की तुलना में हाइब्रिड वाहनों को ज्यादा पसंद करते हैं. सोमवार को हुए एक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है कि भारतीय ग्राहक प्रीमियम मॉडल को ज्यादा पसंद करते हैं.
ग्रांट थॉर्नटन भारत के सर्वेक्षण के अनुसार, 40 प्रतिशत लोग अब हाइब्रिड वाहनों को प्राथमिकता देते हैं, जबकि केवल 17 प्रतिशत ईवी को प्राथमिकता देते हैं. लगभग 34 प्रतिशत अभी भी पेट्रोल वाहनों को खरीदना पसंद करते हैं.
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और ऑटो एवं ईवी इंडस्ट्री लीडर साकेत मेहरा के अनुसार, त्योहारी सीजन आमतौर पर वार्षिक बिक्री का 30-40 प्रतिशत होता है. यह समय भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, “हालांकि, इन्वेंट्री लेवल, मौसम से जुड़ी परेशानियां और क्षेत्रीय चुनावों ने इस साल विकास को धीमा कर दिया है. इन चुनौतियों के बावजूद, अक्टूबर की शुरुआत में बिक्री – सितंबर की तुलना में रजिस्ट्रेशन को लेकर 30-35 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है, जो एक अच्छा संकेत माना जा सकता है.”
इस त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को भी पर्याप्त छूट मिलने की उम्मीद है, इसलिए उद्योग के पास मांग बढ़ाने का अच्छा अवसर है.
मेहरा ने कहा कि लंबे समय में आर्थिक विकास और बढ़ती आय भारत के यात्री वाहन बाजार के लिए दृष्टिकोण को और मजबूत करेगी.
हाइब्रिड वाहनों के बढ़ते चलन के साथ उनसे एक सेतु के रूप में कार्य करने की उम्मीद की जा रही है. जहां वे अल्टर्नेटिव टेक्नोलॉजी के साथ उपभोक्ताओं के कम्फर्ट का ध्यान रखें. इस तरह भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने की उम्मीद की जा रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ट्रेंड वाहन निर्माताओं के लिए हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक दोनों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को दिखाता है, ताकि ग्राहकों की बदलती अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके और एक सस्टेनेबल ऑटोमोटिव भविष्य की तैयारी की जा सके.
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में कुल घरेलू बिक्री में मात्र 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह एसयूवी और यूवी की निरंतर मांग अलग-अलग तरह के वाहनों के लिए ग्राहकों की बढ़ती पसंद को दिखाता है.
मेहरा ने कहा, “ऑटो निर्माताओं के पास पर्याप्त त्योहारी छूट के माध्यम से बढ़ती उपभोक्ता मांग को पूरा करने का अवसर है, लगभग 90 प्रतिशत लोगों को इस तरह की पेशकश की उम्मीद है.”
इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म कार खरीदने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, 74 प्रतिशत उपभोक्ता रिसर्च के लिए सोशल मीडिया और कार वेबसाइटों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो दो साल पहले 56 प्रतिशत था. हालांकि अंतिम खरीदारी बड़े पैमाने पर ऑफलाइन ही होती है.
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