बेंगलुरू, 27 अक्टूबर . दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र फिजी ने श्रीश्री रविशंकर को मानवीय भावना के उत्थान और शांति एवं सद्भाव के साथ विविध समुदायों को जोड़ने में उनके अथक योगदान के लिए अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है.
श्रीश्री रविशंकर को फिजी गणराज्य के राष्ट्रपति रातू विलियम केटोनीवेरे ने ‘फिजी के मानद अधिकारी’ की उपाधि दी. शनिवार को फिजी पहुंचने पर श्रीश्री रविशंकर का पारंपरिक और भव्य स्वागत किया गया. देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित होने पर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी साझा की.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “फिजी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ फिजी’ के मानद अधिकारी का सम्मान पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. मैं राष्ट्रपति और फिजी के लोगों को धन्यवाद देता हूं.”
श्रीश्री रविशंकर को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रदान करने वाला फिजी छठा देश बन गया है, जो ‘द आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन’ के माध्यम से वैश्विक स्तर पर उनके मानवीय कार्यों के व्यापक दायरे को मान्यता देता है.
श्रीश्री रविशंकर ने 1981 में ‘आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन’ की स्थापना की थी, इस फाउंडेशन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, महिला एवं युवा सशक्तीकरण, तनाव मुक्ति एवं ध्यान कार्यक्रमों के क्षेत्रों में अपनी बहुमुखी सेवा पहलों के माध्यम से खुशी और सद्भाव फैलाना था.
वर्तमान में, इस स्वयंसेवी आधारित मानवीय एवं गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के केंद्र 180 से अधिक देशों में कार्यरत हैं.
फिजी यात्रा के दौरान, श्रीश्री रविशंकर ने फिजी के उप प्रधानमंत्री विलियम गावोका और फिजी में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर डर्क वैगनर सहित राज्य के गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी बातचीत की.
नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि किस प्रकार ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ युवाओं को सशक्त बनाकर, स्थानीय समुदायों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाकर तथा उन्हें आयुर्वेद के शाश्वत ज्ञान से परिचित कराकर द्वीप राष्ट्र की समग्र प्रगति में योगदान दे सकता है.
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक ने फिजी में भारत के उच्चायुक्त पीएस कार्तिगेयन द्वारा इंडिया हाउस में आयोजित स्वागत समारोह में भी भाग लिया और कई गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत की.
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पीएसके/एबीएम