‘मन की बात’ में अपना नाम सुन खुश हुए सांरगी वादक गौरीनाथ, बोले ‘प्रधानमंत्री ने मेरा सपना पूरा कर दिया’

उधमपुर, 27 अक्टूबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 115वें ‘मन की बात’ एपिसोड में सारंगी वादक गौरीनाथ का जिक्र किया. अपने बारे में सुन कश्मीर का ये साजिंदा बहुत खुश हुआ. से बातचीत में कहा सपना साकार हो गया.

गौरीनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने मेरा नाम कार्यक्रम में लेकर मेरा सपना साकार कर दिया. मैंने आज मन की बात कार्यक्रम को सुना, मुझे काफी अच्छा लगा. अच्छा लगा कि वह सारंगी बजाने की कला को आगे बढ़ाना चाहते हैं.

गौरीनाथ सारंगी वादन के साथ भारतीय संस्कृति और धर्म से जुड़ी कहानियां भी सुनाते हैं. पीएम ने इसका ब्यौरा भी अपने कार्यक्रम मे

मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने सारंगी को डोगरा संस्कृति का अहम अंग बताया. फिर गौरीनाथ का नाम लिया. कहा, उधमपुर के गौरीनाथ एक सदी से भी ज्यादा पुरानी सारंगी के माध्यम से डोगरा संस्कृति और विरासत के विभिन्न रूपों को सहेजने में लगे हैं. सारंगी की धुनों के साथ वो अपनी संस्कृति से जुड़ी प्राचीन कहानियों और ऐतिहासिक घटनाओं को रोचक अंदाज में बताते हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में आपको ऐसे कई असाधारण लोग मिल जाएंगे, जो सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए आगे आए हैं.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा, “ अभी हम बात कर रहे थे कि कैसे कश्मीर की घाटियों से लेकर छत्तीसगढ़ के जंगलों तक हमारी कला और संस्कृति नए रंग बिखेर रही है, लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती. हमारी इन कलाओं की खुशबू दूर-दूर तक फैल रही है. दुनिया के अलग-अलग देशों में लोग भारतीय कला और संस्कृति से मंत्रमुग्ध हो रहे हैं. जब मैं आपको उधमपुर में गूंज रही सारंगी के बारे में बता रहा था, तो मुझे याद आया कि कैसे हजारों मील दूर रूस के शहर याकुत्स्क में भी भारतीय कला की मधुर धुन गूंज रही है.

कल्पना कीजिए, सर्दी के एक-दो दिन, माइनस 65 डिग्री तापमान, चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर और वहां एक थिएटर में दर्शक मंत्रमुग्ध होकर देख रहे हैं कालिदास की “अभिज्ञान शाकुंतलम”. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि दुनिया के सबसे ठंडे शहर याकुत्स्क में भारतीय साहित्य की गर्माहट कैसी होगी! यह कल्पना नहीं है, यह सच है. एक ऐसा सच जो हम सभी को गर्व और आनंद से भर देता है.

डीकेएम/केआर