संस्कृत ही हमारी असली ताकत, इससे ही विश्वगुरु के रूप में उभर सकता है भारत : सीएम योगी

वाराणसी, 27 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से रविवार को प्रदेश के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के 69,195 संस्कृत विद्यार्थियों को 586 लाख रुपये की छात्रवृत्ति संवितरण की शुरुआत की. सीएम योगी ने प्रदेशभर में गुरुकुल पद्धति के आवासीय संस्कृत विद्यालयों को पुनर्स्थापित करने का भी संकल्प लिया.

उन्होंने संस्कृत भाषा को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा की भाषा के रूप में उभरने की संभावना पर जोर दिया और छात्रों से इसे गंभीरता से अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि जो मानवता का पक्षधर है, वह संस्कृत का भी हिमायती है. सीएम योगी ने पिछली सरकारों में संस्कृत शिक्षा को उपेक्षित रखे जाने की बात कही.

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि संस्कृत न केवल देववाणी है, बल्कि यह विज्ञान की भाषा भी है, जो कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों में उपयोगी है. संस्कृत की विशेषताएं इसे तकनीकी दृष्टिकोण से सरल और सहज बनाती हैं. इसलिए, हम संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए नए प्रयासों की दिशा में कार्य कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छात्रवृत्ति योजना का महत्व बताते हुए कहा कि पहले संस्कृत के केवल 300 विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति मिलती थी, उसमें भी आयु सीमा तय करके रखा गया था, लेकिन अब हमारी सरकार ने इसे सभी छात्रों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है. प्रदेश में संस्कृत के 69,195 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा.

उन्होंने सभी विद्यार्थियों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश भी दिया, जिससे उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ सीधा और सुरक्षित रूप से मिल सके.

संस्कृत और भारतीय संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा पद्धति को फिर से प्रदेशभर में लागू करने की योजना है. यह परंपरा ही हमारी असली ताकत है और इससे ही भारत विश्वगुरु के रूप में उभर सकता है.

उन्होंने घोषणा की कि गुरुकुल संस्थानों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएंगी, जिसमें छात्रों के लिए नि:शुल्क छात्रावास और भोजन की व्यवस्था करने वाले संस्थानों को सरकार की ओर से विशेष सहायता मिलेगी. ऐसे संस्थानों को अच्छे आचार्यों की नियुक्ति की भी स्वतंत्रता दी जाएगी. राज्य सरकार काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्थापित वैदिक विज्ञान केंद्र के माध्यम से संस्कृत के विशिष्ट शोध को प्रोत्साहित कर रही है. इस केंद्र में शोध करने वाले छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति भी दी जाएगी ताकि वे आर्थिक चिंता किए बिना अपने शोध को आगे बढ़ा सकें.

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और भारत का समय आ गया है. भारत के समय को नेतृत्व देने के लिए संस्कृत विद्यार्थियों को स्वयं को तैयार करना होगा.

उन्होंने कहा कि जब भौतिकवाद और चकाचौंध वाली दुनिया में हर व्यक्ति भौतिकता के पीछे भाग रहा है, तब भी यूपी में डेढ़ लाख बच्चे अपना जीवन संस्कृत और भारतीय संस्कृति के साथ समर्पित करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. यह सरकार और समाज का दायित्व है कि इस विरासत को संजोए रखें. उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी. जिन स्थानों पर अभी तक शिक्षक नहीं हैं, वहां मानदेय के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और उनके अनुभव को वरीयता दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने संस्कृत साहित्य को देश की अमूल्य धरोहर बताते हुए महर्षि अरविंद के विचारों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य भारत की महान विरासत है, जो देश की मूल प्रतिभा को जीवंत रखता है. उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि संस्कृत को केवल धार्मिक भाषा नहीं बल्कि विज्ञान, तकनीक और समाज की तमाम समस्याओं को सुलझाने का एक सशक्त माध्यम मानकर उसका अध्ययन करें.

आखिर में सीएम योगी ने कहा कि विरासत को विकास के साथ जोड़ने के प्रयासों में काशी को केंद्र बिंदु बनाया गया है. दीपावली से छठ तक उत्सव और पर्व की परंपरा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है और इसे आगे बढ़ाने में हमारी युवा पीढ़ी का योगदान महत्वपूर्ण है. सरकार इस दिशा में हर संभव सहायता करेगी.

एसके/