नई दिल्ली, 26 अक्टूबर . इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि देश का एआई मिशन उद्योग, सरकार और शिक्षा जगत के बीच मजबूत सहयोग से आगे बढ़ रहा है.
वैष्णव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने मेटा के मुख्य एआई वैज्ञानिक डॉ. यान लेकन से मुलाकात की और एआई में देश की क्षमता और युवाओं को कौशल प्रदान करने पर चर्चा की.
मंत्री ने कहा, “भारत की एआई क्षमता पर चर्चा करने के लिए मेटा के यान लेकुन से मुलाकात की. हमारा एआई मिशन उद्योग, सरकार और शिक्षाविदों के बीच मजबूत सहयोग के साथ आगे बढ़ रहा है. आईआईटी जोधपुर और मेटा के साथ जेनएआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) और एआईसीटीई और मेटा के साथ युवाएआई स्किलिंग, एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) पर एक लाख छात्रों को प्रशिक्षित करने को लेकर चर्चा हुई.”
लेकुन ने कहा कि “एआई ओपन प्लेटफॉर्म के पारिस्थितिकी तंत्र में भारत आज जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कल भी निभा सकता है, उस पर चर्चा करना खुशी की बात है.”
मेटा ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में इंडियाएआई के साथ एक रणनीतिक सहयोग की घोषणा की, जिसमें आईआईटी जोधपुर में ‘श्रीजन’ नामक जनरेटिव एआई केंद्र की स्थापना और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ साझेदारी में “कौशल और क्षमता निर्माण के लिए एआई” पहल का शुभारंभ शामिल है.
मेटा ने केंद्र की सफल स्थापना और संचालन सुनिश्चित करने के लिए अगले तीन वर्षों में 7.5 करोड़ रुपये तक निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि सरकार ‘इंडियाएआई’ पहल के तहत समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए एआई नवाचार, कौशल और तकनीकी उन्नति के दृष्टिकोण का समर्थन कर रही है.
सिंह ने कहा, “एआई में ओपन-सोर्स नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने, उभरती प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और कौशल विकास को आगे बढ़ाने के जरिए हम प्रतिभा की कमी को पाट रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे युवा एआई क्रांति में नेतृत्व करने के लिए सुसज्जित हों, जिससे अंततः जिम्मेदार विकास में वैश्विक नेता के रूप में भारत की स्थिति सुनिश्चित होगी और देश एक मजबूत एआई पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान दे सके.”
मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष और सार्वजनिक नीति प्रमुख शिवनाथ ठुकराल के अनुसार, कंपनी एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है जहां स्वदेशी समाधान उभरकर सामने आए.
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एकेएस/एकेजे