बीजिंग, 26 अक्टूबर . तिब्बत की सरकार के सूचना कार्यालय द्वारा 25 अक्तूबर को आयोजित संवाददाता सम्मेलन के मुताबिक तिब्बत ने हाल के वर्षों में चल सांस्कृतिक अवशेषों की निवारक सुरक्षा परियोजनाओं, डिजिटल सुरक्षा परियोजनाओं, और सांस्कृतिक अवशेष बहाली परियोजनाओं समेत कुल 56 परियोजनाओं के कार्यान्वयन में 32 करोड़ युआन का निवेश किया. इससे तिब्बत में चल सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण वातावरण और सांस्कृतिक अवशेष तकनीकी सुरक्षा क्षमता में सुधार जारी है.
तिब्बत के सांस्कृतिक अवशेष ब्यूरो के उप निदेशक शू शाओकुओ ने कहा कि चल सांस्कृतिक अवशेषों की निवारक सुरक्षा के संदर्भ में, तिब्बत ने जोखांग मठ, गांडैन मठ जैसे कीमती सांस्कृतिक अवशेषों के लिए निवारक सुरक्षा परियोजनाओं को लागू किया है, जिसने इन मठों में चल सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण वातावरण में प्रभावी ढंग से सुधार किया है. साथ ही तिब्बत संग्रहालय, पोताला पैलेस और नोरबुलिंग्का में बहुमूल्य सांस्कृतिक अवशेषों के लिए निवारक संरक्षण परियोजनाओं को भी लागू किया है.
बहुमूल्य सांस्कृतिक अवशेषों की डिजिटल सुरक्षा के संदर्भ में, तिब्बत ने पोटाला पैलेस में प्राचीन पुस्तकों और दस्तावेजों की डिजिटल सुरक्षा और अली क्षेत्र में गुगे साम्राज्य के डिजिटल पुनर्निर्माण परियोजनाओं को लागू किया.
चल सांस्कृतिक अवशेषों की बहाली के संदर्भ में, तिब्बत के संबंधित विभागों ने राष्ट्रीय संग्रहालय, चीन सांस्कृतिक विरासत अनुसंधान संस्थान आदि के साथ सहयोग करते हुए पोताला पैलेस में प्राचीन पुस्तकों और दस्तावेजों की सुरक्षा और उपयोग कार्य शुरू किया. साथ ही तिब्बत संग्रहालय में हलीमा स्क्रॉल, शैनान में लालोंग मठ संबंधी छिंग राजवंश के दस्तावेजों की बहाली परियोजनाओं को लागू किया.
आंकड़ों के मुताबिक, तिब्बत में सभी स्तरों पर 2,373 सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण संस्थाएं हैं, जिनमें से 1,006 ने अपने संग्रह में चल सांस्कृतिक अवशेषों का पंजीकरण पूरा कर लिया है. और कुल 5.1 लाख से अधिक चल सांस्कृतिक अवशेष हैं.
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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