हिंदू समाज की एकता लोक कल्याण के लिए : दत्तात्रेय होसबोले

मथुरा, 26 अक्टूबर . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि हिंदू समाज की एकता लोक कल्याण के लिए है. वह सबको सुख प्रदान करेगा. हिंदुओं को तोड़ने के लिए अगर शक्तियां काम करती हैं, तो उनको आगाह करना पड़ता है. दत्तात्रेय होसबोले शनिवार को मथुरा में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.

इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदू समाज एकजुट होकर नहीं रहेगा, तो आजकल की भाषा में ‘कटेंगे तो बंटेंगे’ हो सकता है. मुद्दा यही है कि समाज की एकता ही एकात्मता है. समाज में जाति भाषा अगड़ा पिछड़ा से भेद करेंगे, तो हम कटेंगे. इसलिए एकता जरूरी है. हिंदू समाज की एकता लोक कल्याण के लिए है.

उन्होंने कहा कि अनेक जगहों से धर्मांतरण के मामले आ रहे हैं. दुर्गा पूजा और गणेश विसर्जन के समय हमले भी हुए हैं. हिंदू समाज अपनी रक्षा करे और संगठित होकर रहे. संघ के सहकार्यवाह ने कहा ओटीटी पर रेगुलेशन जरूरी है. सेंसर बोर्ड की तरह इस पर कानून होना चाहिए. सरकार भी इस पर विचार करे. बांग्लादेश के संदर्भ में उन्‍होंने कहा क‍ि भारत सरकार ने वहां सभी समाजों की मदद की. हिंदुओं को वहां से पलायन नहीं करना चाहिए.

होसबोले ने कहा कि हमने केवल कार्य विस्तार ही नहीं किया. शाखा के सेवा कार्यक्रम भी हैं. हर कष्ट और आपदा में स्वयंसेवक तुरंत आगे आता है. प्राकृतिक आपदाओं में मदद के लिए आगे आता है. जुलाई में पश्चिम बंगाल के तारकेश्वर नदी में बाढ़ आई. स्वयंसेवकों ने इसमें 25 हजार लोगों की मदद की. जान बचाई, खाने की चीजें भेजी. ओडिशा के पुरी में बाढ़ आई. 40 हजार लोगों की सहायता की. वायनाड में मुस्लिमों का अंतिम संस्कार स्वयंसेवकों ने किया.

उन्होंने कहा कि अभी भी दाना चक्रवात चल रहा है. इसमें स्वयंसेवक सेवा दे रहे हैं. केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड हुआ. तुरंत 1000 स्वयंसेवक सेवा के लिए उतरे. हिंदू-मुस्लिम सबकी समान रूप से मदद की. मुस्लिम लोगों की मृत्यु हुई, तो उनकी मान्यताओं के अनुसार स्वयंसेवकों ने मुस्लिम मृतकों का अंतिम संस्कार किया. गुजरात के वडोदरा में बाढ़ आई तो स्वयंसेवकों ने मदद की.

सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने पांच परिवर्तन लाने की अपील करते हुए कहा कि संघ प्रमुख ने पंच परिवर्तन का उल्लेख किया है. पांच विषयों कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जीवनशैली, नागरिक कर्तव्य की अपने जीवन में आदत डालें. दूसरे लोगों को भी प्रेरित करें.

होसबोले ने कहा कि जहां शाखा नहीं लगती, वहां समाज के लोग इकट्‌ठा होकर आपस में भाईचारा और हिंदू संस्कृति को सिखाने का काम करते हैं. वो संघ की शाखा नहीं होती, इसे समाज मंडली कहते हैं.

उन्होंने कहा कि दो दिन अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक हुई. इसमें हमने मार्च के बाद कार्यकारी मंडल की समीक्षा की. इस बार 100वें वर्ष में संघ ने प्रवेश किया है. 100 साल पूरे होने पर शताब्दी वर्ष बड़े पैमाने पर मनाएंगे.

विकेटी/