नई दिल्ली, 26 अक्टूबर . भारत में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट में तीव्र वृद्धि देखी जा रही है. निवेश में यह वृद्धि कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास में एक बड़े बदलाव को दिखाती है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सड़क विकास पहलों की एक श्रृंखला शुरू की है. इस कदम के साथ परिवहन नेटवर्क में सुधार और देश में तेजी से बढ़ते शहरीकरण को सुविधाजनक बनाया जा रहा है.
यह बुनियादी ढांचा अभियान यात्रा के समय को कम करने, माल ढुलाई को व्यवस्थित करने और भविष्य के लिए देश की सड़कों को मजबूत करने के लिए आवश्यक है.
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत, एनएचएआई ने घरेलू और वैश्विक दोनों ही तरह के निवेशकों की पर्याप्त रुचि को देखते हुए इनोवेटिव फाइनेंसिंग मेथड का इस्तेमाल किया है. टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर (टीओटी) बंडल और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आईएनवीआईटी) पर सरकार के फोकस से प्रभावशाली परिणाम मिले हैं. इसके साथ एनएचएआई सड़क मार्गों को बड़ी संख्या में बढ़ाने में सक्षम रहा.
जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में सड़क निवेश में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है. एनएचएआई ने अब तक 16 टोल, ऑपरेटर ट्रांसफर (टीओटी) बंडल दिए हैं, जिसमें टीओटी के जरिए लगभग 49,000 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) के तहत अपने आईएनवीआईटी के जरिए अतिरिक्त 25,900 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं.
इस वृद्धि का मुख्य कारक यातायात और टोल राजस्व में मजबूत वृद्धि है. भारत में कुल टोल संग्रह पिछले पांच पांच वर्षों में तेजी से बढ़ा है. यह वित्त वर्ष 2024 के लिए 65000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इसी के साथ फास्टैग और स्थिर मुद्रास्फीति सूचकांक के साथ यात्री और माल ढुलाई की मात्रा का समर्थन हुआ है. इस आर्थिक वृद्धि ने राजस्व को काफी हद तक बढ़ाने में मदद की है.
राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) के तहत आईएनवीआईटी व्यवस्था को सक्रिय और निष्क्रिय दोनों ही तरह के निवेशकों के लिए एक मजबूत आकर्षण माना जा रहा है. यह डेवलपर्स के लिए मुद्रीकरण का अवसर पैदा करता है. इसके साथ ही वित्तीय निवेशकों को परियोजनाओं में भाग लेने का अवसर मिलता है.
बीसीआई और एआईएमसीओ जैसे निष्क्रिय निवेशकों को सड़क निवेश इकोसिस्टम में शामिल होने की अनुमति मिली है. यह हितधारकों को एक अनूठा मिश्रण तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहा है.
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एसकेटी/