गाजियाबाद, 25 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती ने शुक्रवार को वीडियो जारी कर बताया कि उन्हें पुलिस द्वारा नजरबंद किया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि वह अपनी कही गई बातों के पक्ष में प्रमाण देना चाहते हैं.
महंत नरसिंहानंद सरस्वती ने वीडियो में कहा, “इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुंबई की संस्था हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से एक याचिका दायर की गई है. ट्रस्ट की ओर से मेरे खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है. मैं न्याय के पक्ष में हूं और मैं चाहता हूं कि मैंने आज तक मोहम्मद के लिए जितनी भी बातें की हैं उन सबके प्रमाण मैं हाई कोर्ट के सामने रखूं, ताकि सही न्याय किया जा सके.”
उन्होंने कहा कि जिसे अपराधी घोषित किया जा रहा है उसका पक्ष सुने बिना न्याय नहीं हो सकता है. पुलिस द्वारा नजरबंदी में यह कार्य नहीं कर सकता हूं क्योंकि मोहम्मद और उसके अनुयायियों के बारे में प्रमाण जुटाने के लिए प्रामाणिक इस्लामिक ग्रंथों को इकट्ठा करना होगा. सोशल मीडिया पर आज तक जो मौलवियों ने कहा है उनके प्रमाण इकठ्ठा करने होंगे.
महंत ने योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए मौका दिया जाए. उन्होंने वीडियो में कहा, “अगर मुझे यहां से बाहर निकाला जाएगा तो मैं न्याय के लिए प्रयास कर सकूंगा.
“मैं अपनी मृत्यु से पहले अपना पक्ष रखना चाहता हूं. मैं हाई कोर्ट में बताना चाहता हूं कि आखिर क्यों मैं मोहम्मद और उसके अनुयायियों को संपूर्ण दुनिया के गैर मुस्लिमों के प्रति एक भयंकर अपराधी मानता हूं. मोहम्मद के जन्म से लेकर आज तक मोहम्मद के अनुयायियों ने दूसरे धर्मों को मानने वाले कितने निरपराध लोगों की हत्या की. कितनी महिलाओं के साथ बर्बरता की है. मंदिरों को किस प्रकार से तोड़ा गया है. यह सारे प्रमाण मैं अदालत के सामने रखना चाहता हूं. इस काम के लिए मुझे अपने साथियों की एक टीम भी गठित करनी होगी. मैं विदेशों से अपने साथियों को बुलाना चाहता हूं. वे भारत आकर प्रमाण देंगे.”
उन्होंने कहा, “योगी जी न्याय कीजिए, मुझे अपना पक्ष रखने का मौका दीजिए.”
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डीकेएम/एकेजे