बेरूत, 25 अक्टूबर . लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने शुक्रवार को लेबनान में तीन पत्रकारों की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि यह इजरायली फोर्सेज द्वारा किए गए ‘युद्ध अपराधों’ की निरंतरता को दर्शाता है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की सुबह हसबैया शहर के पश्चिमी छोर पर स्थित एक होटल में उनके आवास को निशाना बनाकर किए गए इजरायली ड्रोन हमले में तीन पत्रकार मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए.
इजरायली सेना ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पहले पत्रकारों को निशाना बनाने से इनकार किया है.
मिकाती के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “जानबूझकर की गई इस आक्रमकता का उद्देश्य वास्तव में मीडिया को आतंकित करना है ताकि किए जा रहे अपराधों और विनाश को छुपाया जा सके.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने निर्देश दिए हैं कि इस नए अपराध को इजरायली अपराधों के साथ दर्ज फाइलों की श्रृंखला में जोड़ा जाए, जिन्हें प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संदर्भों में प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय जो हो रहा है उसे रोक सके.”
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक लेबनानी सूचना मंत्री ने कहा कि इजरायली सेना ने लेबनान के दक्षिणी हसबैया में पहले पत्रकारों के सोने का इंतजार किया और उसके बाद उन पर एयर स्ट्राइक की.
मंत्री मकारी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अल मायादीन और अल-मनार टीवी चैनलों के मारे गए तीनों पत्रकार दुनिया के सामने इजरायली ‘अपराधों’ को प्रसारित कर रहे थे.
मकारी ने कहा, ‘यह एक हत्या है, निगरानी और ट्रैकिंग के बाद, पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध तरीके से की गई, क्योंकि उस स्थान पर सात मीडिया संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 18 पत्रकार मौजूद थे. यह एक युद्ध अपराध है.’
रिपोर्ट के मुताबिक अल मायादीन टीवी ने पुष्टि की है कि दक्षिणी लेबनान में उनके आवास पर इजरायली हमले में मारे गए तीन पत्रकारों में उसके दो कर्मचारी भी शामिल हैं.
अल मायादीन ने मारे गए कर्मचारियों की पहचान कैमरा ऑपरेटर घासन नजर और प्रसारण तकनीशियन मोहम्मद रेडा के रूप में की.
हिजबुल्लाह से संबद्ध अल-मनार टीवी ने कहा कि उसके कैमरा ऑपरेटर विसम कासिम भी हसबैया शहर पर हुई एयर एयर स्ट्राइक में मारे गए.
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