गांधीनगर, 25 अक्टूबर . गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘गुजरात अंतर्देशीय पोत पंजीकरण, सर्वेक्षण और संचालन नियम 2024’ को मंजूरी दे दी है. इसके तहत नौका विहार और जल क्रीड़ा गतिविधियों के लिए सुरक्षा नियम और सख्त किए गए हैं.
बता दें कि ये नियम छोटे जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं. ये नियम प्लीजर क्राफ्ट, नावों और 10 मीटर से कम लंबाई वाले जहाजों पर लागू होंगे. इन नियमों का मसौदा जून 2024 में तैयार किया गया था और इसे सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध कराया गया था, जिससे नागरिक अपने सुझाव दे सकें.
मुख्यमंत्री ने समीक्षा करने के बाद बंदरगाह और परिवहन विभाग के नियमों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है. नए नियमों के तहत जहाजों को पंजीकृत करने के इच्छुक व्यक्तियों को अपने संबंधित जिला अधिकारियों के पास आवेदन जमा कराना होगा.
राज्य के प्रत्येक जिले या शहर में जल संरक्षण समिति जल क्रीड़ा गतिविधियों और नौकायन परिचालनों का नियमित निरीक्षण करेगी. सुरक्षा नियमों के उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. नियमों में ऑपरेटरों की भूमिका और जिम्मेदारियों के साथ ही जीवन रक्षक जैकेट, मासिक रखरखाव जांच और योग्य चालक दल के सदस्यों जैसे सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता पर बल दिया गया है.
गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) ने नए नियमों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की नियुक्ति की है. जीएमबी का समुद्री अधिकारी मुख्य सर्वेक्षक के रूप में काम करेगा, जबकि जिला मजिस्ट्रेट नौकायन पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा.
मरीन अधिकारी और इंजीनियर विभिन्न सर्वेक्षण करने के लिए जिम्मेदार होंगे.
सरकार ने यह कदम 18 जनवरी को हरणी नाव दुर्घटना में 14 लोगों की मौत के बाद उठाया है. उल्लेखनीय है कि मृतकों में न्यू सनराइज स्कूल के 12 छात्र और दो शिक्षक शामिल थे. दुर्भाग्यपूर्ण नाव पलट गई थी, जिसमें 23 छात्र और चार शिक्षक सवार थे.
इस घटना में जान गंवाने वाले छात्रों की पहचान सकीना शेख, मुआवजा शेख, आयत मंसूरी, रेहान खलीफा, विश्व निज़ाम, जहाबिया सुबेदार, आयशा खलीफा और नैन्सी माची के रूप में हुई थी. इस त्रासदी में मारे गए शिक्षकों में छाया पटेल और फल्गुनी सुरती शामिल थीं.
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आरके