केदार-बद्री यात्रा : शासन-प्रशासन के भरोसे ना बनाएं यहां जाने का मन, क्योंकि यहां आपकी आस्था बिकाऊ है

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर . केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पर अगर आप जा रहे हैं और भरोसा यह है कि वहां शासन-प्रशासन ने आपकी यात्रा के लिए कोई सुगम व्यवस्था की है तो आप गलत हैं. यहां यात्रा मार्ग से लेकर मंदिर में दर्शन तक जिस तरह की अव्यवस्था है, उसे देखकर आप परेशान हो जाएंगे.

यहां से यात्रा कर वापस आ रहे श्रद्धालुओं का यह निजी अनुभव है. हालांकि, इस यात्रा मार्ग की अव्यवस्था से हम भी यात्रा के दौरान वाकिफ हो गए हैं और वहां की स्थिति को देखने के बाद यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं की बात पर यकीन और गहरा होता जा रहा है.

दरअसल, चार धाम यात्रा को लेकर सरकार की तरफ से जिस तरह के विज्ञापन जारी किए गए और इस यात्रा के दौरान जिन सुविधाओं की बात की गई, वह यात्रा कर लौटे श्रद्धालुओं के हिसाब से वहां नदारद थी. ऊपर से जिस तरह हर सेवा के लिए कीमत की वसूली की जा रही है, उससे भी यात्री खासे परेशान नजर आ रहे हैं.

यहां यमुनोत्री यात्रा के दौरान पड़ने वाला करीब छह किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग कठिन होने के साथ जोखिम भरा भी है और इसको ज्यादा परेशानी और मुश्किलों भरा बना रहा है प्रशासन की लापरवाही. यह पूरा का पूरा ट्रैक आज भी कच्चा ही है. यानी मिट्टी से भरे इस ट्रैक पर आपको अपनी यात्रा करनी है. जो बारिश के साथ कीचड़मय हो जाता है. जो यात्रियों की परेशानी बढ़ाने के साथ लोगों में डर भी पैदा करता है.

अब केदारनाथ की यात्रा मार्ग पर आइए, यहां सरकार का दावा रहा है कि यात्रियों की सुविधा के लिए चार धाम यात्रा मार्ग पर 184 चिकित्सकों की तैनाती की गई है. लेकिन, क्या मजाल की केदारनाथ की पूरी यात्रा के दौरान आपको जानवर और इंसानों के इलाज करने वाले एक भी चिकित्सक मिल जाएं. इस यात्रा को लेकर बताया गया था कि यहां चार धाम यात्रा मार्ग पर 44 स्पेशलिस्ट चिकित्सक तैनात किए गए हैं. इसके अलावा चिकित्सकों के साथ ही पैरा मेडिकल स्टाफ को भी तैनात किया गया है. लेकिन, मंदिर पहुंचने से पहले यात्रियों की मानें तो पूरे यात्रा मार्ग में एक भी मेडिकल कैंप नहीं दिखा.

बाबा केदार के दर्शन के लिए अगर आप हेली सेवा का उपयोग करना चाह रहे हैं तो यहां भी हाल बुरा है. फाटा से केदारनाथ के लिए जो हेली सेवा चलाई जाती है वहां तो स्थिति इतनी विकट है कि केदार धाम के लिए यहां आ रहे श्रद्धालुओं को अतिरिक्त पैसे देकर यहां के होटलों और होम स्टे में रुकना पड़ रहा है. जिसके चलते उन्हें पैसों का काफी नुकसान हो रहा है और यात्रा के लिए अतिरिक्त पैसे देने पड़ रहे हैं. जिससे उनके पैसे और समय दोनों ही बर्बाद हो रहे हैं. यहां के यात्रा अनुभव के बारे में यात्रियों की यह शिकायत एकदम सामान्य है.

श्रद्धालुओं ने नाम ना उजागर करने की शर्त पर बताया कि डायनामिक चार्ज के नाम पर किसी से 2,200 रुपये तो किसी से 1,100 रुपये वसूले जा रहे हैं. साथ ही टिकट के लिए श्रद्धालुओं से 27-28 हजार रुपये तक लिए जा रहे हैं. जबकि, सरकार ने किराया 6,000 तय किया है.

सरकार की तरफ से इस यात्रा मार्ग में हेल्थ एटीएम की स्थापना की भी बात कही गई थी. लेकिन, यात्रा से लौटकर आए श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां जब मेडिकल कैंप तक रास्ते में नहीं हैं तो हेल्थ एटीएम की बात कहां से आई.

दरअसल, चार धाम यात्रा मार्ग में 50 हेल्थ एटीएम का दावा किया गया था. यह मशीन पंद्रह मिनट के भीतर रोगी की ऊंचाई, वजन, शरीर का तापमान, रक्त ग्लूकोज, रक्तचाप, रक्त परीक्षण, हृदय जांच और ऑक्सीजन के स्तर सहित 70 से अधिक मेडिकल टेस्ट की तुरंत रिपोर्ट दे सकता है. यह अपनी टेलीमेडिसिन परामर्श सुविधा के माध्यम से रोगियों को स्पेशलिस्ट और प्रमाणिक डॉक्टरों और अस्पतालों से सर्वोत्तम उपचार के लिए परामर्श देने में भी मदद कर सकता है. इन मशीनों का तीन घंटे तक का पावर बैकअप है. लेकिन, यात्रा कर लौटे श्रद्धालुओं ने बताया कि ऐसी कोई भी व्यवस्था उन्हें चार धाम यात्रा मार्ग में नहीं दिखी.

यहां केदारनाथ मंदिर में दर्शन की बात करें तो अभिषेक के लिए मंदिर की तरफ से एक रेट निर्धारित कर दिया गया है. जिसका भुगतान कर आप बाबा केदार का अभिषेक कर सकते हैं. वहीं, यहां के पंडा-पुजारी 2,100 से ज्यादा की रकम लेकर मंदिर में सीधे प्रवेश कराकर दर्शन कराते हैं और यह पैसा ट्रस्ट के पास तो कतई नहीं पहुंचता है.

वहीं, दूसरी तरफ बद्री विशाल के दर्शन के लिए तो पहले से ही रेट निर्धारित कर रखा गया है. जैसे यहां बद्री विशाल को चढ़ाए जाने वाली रेशमी साड़ी, पीताम्बरी, धोती, शॉल ऊनी और सूती, गमछा, तौलिया जो भी बाबा पर अर्पित किया जाता है, उसकी कीमत तय है. इसके अलावा मंदिर में जहां सामान्य लोगों को गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं है और उन्हें मंदिर के प्रवेश द्वार से ही बद्री विशाल का दर्शन कराकर इस कठिन यात्रा के बाद वापस लौटा दिया जाता है. वहीं, उनके गर्भगृह में प्रवेश करने के लिए भी आपके आस्था की कीमत तय है. यहां चांदी की आरती, स्वर्ण आरती, अभिषेक सहित हर स्पेशल पूजा की कीमत हजारों में है.

मतलब कठिन यात्रा के बाद भी अगर आप बाबा के दर पर पहुंच जाएं तो आपको अपनी आस्था की कीमत चुका कर ही बाबा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है. नहीं तो आपको बाबा का दर्शन दूर से ही प्राप्त हो सकता है.

जीकेटी/