बिहार उपचुनाव : रामगढ़ के प्रत्याशी सुशील कुशवाहा जीत को लेकर आश्वस्त

पटना, 25 अक्टूबर . बिहार के कैमूर जिले में उपचुनाव को लेकर तैयारियों का सिलसिला तेज हो चुका है. इसी जिले में रामगढ़ विधानसभा सीट पर सभी दलों ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, जिसके बाद सभी की ओर से जीत के दावे किए जा रहे हैं.

रामगढ़ विधानसभा सीट से जन सुराज पार्टी ने सुशील कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा है. वह शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने पहुंचे. इस दौरान, उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में जीत का दावा किया. पत्रकारों से बातचीत के दौरान वह अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त दिखे. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार यहां की जनता उन्हें भारी मतों से अपना नेता चुनेगी.

सुशील कुशवाहा पार्टी के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में मोहनिया के चांदनी चौक से अनुमंडल कार्यालय नामांकन दाखिल करने पहुंचे. उन्होंने दावा किया कि इस बार रामगढ़ विधानसभा सीट का विधायक जन सुराज पार्टी से होगा. किसी और राजनीतिक दल से यहां का कोई विधायक नहीं होगा.

उन्होंने कहा, “मैं पूर्णत: अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हूं. मेरी किसी से कोई लड़ाई नहीं है.”

इस दौरान, उन्होंने कहा कि एक राजा था, उसकी अपनी एक सेना थी. उसने अपनी सेना को नदी पार करते हुए कह दिया था कि तुम लोगों के पास जितनी भी नाव है, उसे फूंक डालो. सैनिक घबरा गए कि आखिर यह कैसा राजा है, जो हमें अपनी नावों को ही फूंकने की बात कह रहा है, तो राजा ने कहा कि जब तक तुम्हारे पास भागने का विकल्प रहेगा, तब तुम किसी भी प्रकार से आगे नहीं बढ़ पाओगे, इसलिए मैं तुमसे कह रहा हूं कि तुम अपने नावों को फूंक दो.

कुशवाहा ने आगे कहा कि मैं अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इस बार किसी भी प्रकार से जीत का परचम लहराकर रहूंगा.

उन्होंने कहा कि रामगढ़ के मौजूदा नेता से यहां के लोग पूरी तरह से त्रस्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि मैं सत्ता में आने के बाद यहां के लोगों के हित में काम करूंगा. किसी भी राजनेता का मूल उद्देश्य जनता के हितों को प्राथमिकता देना होता है.

बता दें कि बिहार में कुल चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है. यह उपचुनाव ऐसे वक्त में होने जा रहा है, जब अगले साल यानी 2025 में बिहार में विधानसभा के चुनाव भी है. ऐसे में सियासी पंडितों का दावा है कि इस उपचुनाव के जरिए सभी राजनीतिक दल जनता का मूड भी भांप सकेंगे.

एसएचके/एएस