जॉर्जिया में शनिवार को संसदीय चुनाव: रूस का साथ या यूरोपीय संघ की सदस्यता, मतदाता करेंगे तय

तिब्लिसी, 24 अक्टूबर . जॉर्जिया में 26 अक्टूबर को संसदीय चुनाव होने. यह इलेक्शन के बेहद खास है क्योंकि इसमें कई ऐसी चीजें हैं जो देश के चुनावी इतिहास में पहली बार होने जा रही है. वहीं जॉर्जिया, यूरोपीय संघ का मेंबर बनेगा या रूस का समर्थक, इस बात का फैसला भी इस चुनाव से होगा.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पहली बार देश में आनुपातिक प्रणाली के तहत संसदीय चुनाव आयोजित होने जा रही है. जीतने वाली पार्टी अगले चार वर्षों तक शासन करेगी. संसद में 150 सदस्य होंगे.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि जॉर्जिया पहली बार एक-पक्षीय शासन के बजाय गठबंधन सरकार देखेगा.

देश के इतिहास में पहली बार, जॉर्जिया में मतगणना और सत्यापन मशीनों के इस्तेमाल के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग होगी.

लगभग 90 प्रतिशत मतदाता मतदान केंद्रों पर स्थापित इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए अपना वोट डालेंगे.

केंद्रीय चुनाव आयोग (सीईसी) के अनुसार, मतदान के लिए 3,508,294 पंजीकृत मतदाता हैं.

कुल 84 चुनावी जिले और 3,111 मतदान केंद्र खुले रहेंगे, जिनमें विदेशों में खोले गए मतदान केंद्र भी शामिल हैं.

चुनावों का निरीक्षण करने के लिए कुल 102 स्थानीय और 64 अंतर्राष्ट्रीय संगठन तथा 98 मीडिया संगठन सीईसी में पंजीकृत थे.

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक यह चुनाव देश के लिए बेहद अहमियत रखता है. इसके नतीजे यह तय करेंगे कि कोकेशियान राष्ट्र यूरोपीय संघ की सदस्यता के करीब पहुंचता है या मॉस्को की ओर मुड़ता है.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सत्तारूढ़ ‘जॉर्जियन ड्रीम’ पार्टी – अपने पद पर बनी रह पाती है या फिर पश्चिम समर्थक विपक्षी पार्टियां उसे सत्ता से हटा देंगी. दिलचस्प बात यह है कि ‘जॉर्जियन ड्रीम’ पार्टी अपने 12 वर्षों के शासन के दौरान पश्चिम समर्थक समूह से हाल के वर्षों में स्पष्ट रूप से रूस समर्थक बन गई है.

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