हम फिर से झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनाएंगे : शिल्पी नेहा तिर्की

रांची, 25 अक्टूबर . झारखंड के मांडर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की ने गुरुवार को नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उन्होंने अपने चुनावी मुद्दे बताए. उन्होंने कहा कि हम वैसे नेताओं में से नहीं जो सिर्फ चुनाव के वक्त काम करते हैं.

से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम ऐसे लोग नहीं हैं जो सिर्फ चुनाव के वक्त काम करें. आप अपने पिता की तरह दो साल से जनता के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन जनता जानती है कि मैं 365 दिन जनता की सेवा में लगी रहती हूं. इसी का नतीजा है कि इस बार मांडर की जनता मुझे अपना आशीर्वाद देगी और हम फिर से झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनाएंगे.”

चुनाव के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “इतनी विपरीत परिस्थितियों में हमारी सरकार ने जो किया है, मुझे नहीं लगता कि पिछले 20 साल में यहां किसी सरकार ने इतनी लंबी लकीर खींची होगी जितनी हमारी महागठबंधन सरकार ने खींची है. मुद्दे हैं, काम है जिसे हम जनता को दिखाएंगे. मैं खास तौर पर बताना चाहूंगी कि इस बार हम सिर्फ भरोसे की सरकार नहीं बना रहे हैं, बल्कि इस राज्य को विभाजनकारी ताकतों और पूंजीवादी ताकतों से भी बचा रहे हैं.”

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अपने पिता बंधु तिर्की से क्या सीखा है और चुनाव को लेकर उन्हें क्या मंत्र मिला है, तो उन्होंने कहा कि उनसे विनम्रता और धैर्य सीखा है.

अपनी बेटी शिल्पी तिर्की के दोबारा नामांकन दाखिल करने पर बंधु तिर्की ने कहा कि आपने देखा होगा कि शिल्पी तिर्की किस तरह से सदन में अपनी बातों को निर्भीक तरीके से रखती रही हैं. विधानसभा में उनके कार्यों को राज्य की जनता ने सराहा है और पिछले दो वर्षों में जिस तरह से क्षेत्र में काम हुआ है. जनता जानती है कि यहां दो विधायक हैं, एक सदन में और दूसरा सड़क पर. हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं. आने वाले दो वर्षों में स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार की कामना करते हैं.

बता दें कि इस बार झारखंड में दो चरणों में चुनाव होंगे. राज्य में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा. 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. झारखंड की मांडर सीट की बात करें तो यह सुरक्षित सीटों में से एक है. यहां पहले चरण के तहत 13 नवंबर को मतदान होगा. रांची जिले में स्थित मांडर लोहरदगा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है. यहां 2022 के उपचुनाव में शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत दर्ज की थी.

आरके/एकेजे