लखनऊ, 24 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक प्रदेश स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को आगामी पर्व-त्योहारों के मद्देनजर सुचारू आयोजन, स्वच्छता, बेहतर कानून-व्यवस्था, बिजली आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर आवश्यक निर्देश दिए.
बैठक में समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक (जोन), समस्त पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक आदि वरिष्ठ अधिकारियों की सहभागिता रही. मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिवों से त्योहारों के दृष्टिगत उनकी विभागीय तैयारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की.
बैठक में सीएम योगी ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था, सतत संवाद और सभी वर्गों से मिल रहे सहयोग का ही परिणाम है कि हाल के वर्षों में प्रदेश में सभी पर्व-त्योहार शांति और सौहार्द पूर्ण माहौल में सम्पन्न हो रहे हैं. रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दुर्गा पूजा, दशहरा और श्रावणी मेले हों या फिर ईद, बकरीद, बारावफात, मुहर्रम आदि – हर पर्व-त्योहार पर प्रदेश में सुखद माहौल रहा. बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग का यह क्रम सतत जारी रखा जाए.
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में धनतेरस, अयोध्या दीपोत्सव, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान एकादशी, वाराणसी देव दीपावली और छठ महापर्व जैसे विशेष त्योहार हैं. इसके अलावा अयोध्या में पंचकोसी, 14 कोसी परिक्रमा, कार्तिक पूर्णिमा स्नान आदि मेलों का आयोजन भी इसी अवधि में है. शांति, सुरक्षा और सुशासन के दृष्टि से यह समय संवेदनशील है. पिछले अनुभवों से सीख लें. पर्व-त्योहारों के समय में पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर रहना चाहिए.
सीएम योगी ने कहा कि सोशल मीडिया पर चौकसी बढाएं. हर जिले में ऐसी टीम होनी चाहिए जो सोशल मीडिया पर निगरानी करती रहे. यहां फेक अकाउंट बनाकर माहौल खराब करने वाली अफवाह/फेक न्यूज प्रसारित करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए.
उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी और काली की प्रतिमा स्थापना की भी परंपरा है. प्रतिमा स्थापना कराने वाली संस्थाओं/समितियों से संवाद करें. संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती होनी चाहिए. दीपावली से पहले अलग-अलग समुदाय के धर्माचार्यों और पीस कमेटी के साथ संवाद-समन्वय बना लें. धनतेरस/दीपावली के अवसर पर हर आय वर्ग का परिवार कुछ न कुछ खरीदारी करता है. बाजारों में चहल-पहल अधिक होगी. इस बीच सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान यह सुनिश्चित करें कि कहीं से भी व्यापारियों के उत्पीड़न की शिकायत न आए. व्यवस्था बनाने में उनका सहयोग लें और उन्हें अपेक्षित सहयोग दें.
उन्होंने कहा कि दीपावली के लिए पटाखों की दुकानों/गोदामों का आबादी से दूर होना सुनिश्चित कराएं. जहां पटाखों का क्रय/विक्रय हो, वहां फायर टेंडर के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं. पुलिस बल की सक्रियता भी बनी रहे. पटाखों की दुकान खुले स्थान पर हो. इन्हें लाइसेंस/एनओसी समय से जारी कर दिया जाए. पटाखों के अवैध भंडारण पर कठोर कार्रवाई की जाए. उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को दीपावली से पहले निःशुल्क रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध हो जाए. इसमें किसी स्तर पर विलंब नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव का भव्य आयोजन इस वर्ष 30 अक्टूबर को होना है. भव्य, दिव्य, नव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत यह पहला दीपोत्सव है. स्वाभाविक रूप से इस बार दीपोत्सव में श्रद्धालुओं की उपस्थिति अपेक्षाकृत अधिक होगी. इसी प्रकार 15 नवम्बर को वाराणसी में देव-दीपावली मनाई जाएगी. ऐसे में दोनों ही महत्वपूर्ण आयोजनों में सेफ्टी-सिक्योरिटी और क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था और अधिक अच्छी होनी चाहिए. दीपोत्सव और देव दीपावली की गरिमा के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए.
उन्होंने कहा कि छठ पर्व को ‘स्वच्छता और सुरक्षा’ के मानक पर्व के रूप में आयोजित किया जाए. छठ महापर्व पर पूजा/अनुष्ठान के दौरान पूरे प्रदेश में स्वच्छता का माहौल हो, इसके लिए नगर विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा विशेष प्रयास किये जाएं. लोगों की आस्था का यथोचित सम्मान करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि नदियां/जलाशय दूषित न हों. नदी/जलाशय घाटों की साफ-सफाई करा लें और ट्रैफिक प्रबंधन भी किया जाए.
उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रॉमा सेवाएं अनवरत रूप से चलती रहनी चाहिए. गांव हो या नगर हर जगह चिकित्सकों की सुलभ उपलब्धता होनी चाहिए. मिलावटखोरी आम जन के जीवन से खिलवाड़ है. पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई तेज की जाए. किंतु जांच के नाम पर उत्पीड़न का प्रयास नहीं होना चाहिए. पर्व और त्योहारों के इस उल्लासपूर्ण माहौल में लोगों के आवागमन में बढ़ोतरी स्वाभाविक है. बड़ी संख्या में लोग अपने घर जाते हैं. ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा ग्रामीण रुट पर बसों की संख्या बढ़ाई जाए. खराब हालत वाली बसों को सड़क पर कतई न चलने दें. थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र में समाज के प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाएं. मीडिया का सहयोग लें, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे. नेपाल राष्ट्र से सीमा साझा करने वाले जनपदों की संवेदनशीलता को देखते हुए यहां इंटेलिजेंस को और बेहतर करने का प्रयास हो.
सीएम योगी ने कहा कि सभी विभागों में आईजीआरएस, सम्पूर्ण समाधान दिवस और सीएम हेल्पलाइन अथवा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों के स्तर से प्राप्त आम जनता की शिकायतों, आवेदनों के समयबद्ध और संतुष्टिपरक समाधान के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए.
इसकी हर दिन समीक्षा होनी चाहिए. शिकायतकर्ता से बात की जाए, उनका फीडबैक अनिवार्य रूप से लिया जाए. इसी प्रकार, जनपदों में भी विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किए जाएं. कुछ प्रकरणों में औचक फील्ड विजिट करते हुए समस्या के समाधान होने का सत्यापन किया जाए.
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एकेएस/एकेजे