सियोल, 24 अक्टूबर . दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक कार्यक्रम शुरू करने के लिए आठ संस्थानों का चयन किया है. इसमें सामान्य अस्पताल गंभीर रोगियों के उपचार पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे, जबकि हल्के लक्षण वाले रोगियों को स्थानीय अस्पतालों में रेफर किया जाएगा.
समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट में कहा गया, स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय के अनुसार इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार का लक्ष्य सामान्य अस्पतालों में इलाज कराने वाले कुल रोगियों में से 70 प्रतिशत को गंभीर रूप से बीमार रोगियों तक पहुंचाना है, जबकि वर्तमान अनुमान 50 प्रतिशत है.
इसमें कहा गया है कि चयनित अस्पतालों को गंभीर या दुर्लभ स्थितियों वाले रोगियों के उपचार के लिए अधिक मुआवजा मिलेगा.
यह कदम मेडिकल स्कूल के छात्रों की संख्या बढ़ाने की सरकार की योजना के विरोध में फरवरी से हजारों प्रशिक्षु डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे के कारण उत्पन्न चिकित्सा शून्यता को दूर करने के प्रयासों के अनुरूप है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इस परियोजना के माध्यम से बड़े अस्पताल और छोटे अस्पताल प्रतिस्पर्धा के बजाय साझा विकास को आगे बढ़ा सकते हैं, और रोगियों को सबसे उपयुक्त संस्थानों से उपचार मिलेगा.”
इस बीच सरकार ने प्रशिक्षु डॉक्टरों द्वारा लंबे समय से किए जा रहे हड़ताल को खत्म करने में मदद करने के लिए चिकित्सा समुदाय से बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत करने का आह्वान भी दोहराया.
दूसरे उप स्वास्थ्य मंत्री पार्क मिन-सू ने कहा, “संवाद और संचार विश्वास को पुनःस्थापित करने का पहला कदम है और चल रही चुनौतियों से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका है.”
सरकार ने पहले डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अगले पांच वर्षों में छात्रों की संख्या में लगभग 2,000 की वृद्धि करने की अपनी योजना के तहत 2025 के लिए मेडिकल स्कूल की सीटों में 1,500 की वृद्धि करने का निर्णय लिया था.
देश के डॉक्टरों का सबसे बड़ा समूह कोरिया मेडिकल एसोसिएशन मांग कर रहा है कि सरकार किसी भी तरह की बातचीत में शामिल होने से पहले मेडिकल स्कूल की सीटें बढ़ाने की योजना को रद्द करे.
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