‘हमने खुद देखा था सलमान को शिकार करते…’, चश्मदीदों ने खुद बयां किया उस रात का वाकया

जोधपुर, 23 अक्टूबर . हाल ही में एक साक्षात्कार में बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के पिता सलीम खान ने कहा था कि उनका बेटा हिरण क्या, किसी कॉकरोच को भी नहीं मार सकता. उनके इसी बयान पर अब उन चश्मदीदों ने रोष जाहिर किया है, जिनका दावा है कि उन्होंने सलमान खान को 1998 की रात में जोधपुर में हिरण का शिकार करते देखा था. इसके बाद उन्होंने अभिनेता का पीछा भी किया था.

चश्मदीद हीराराम ने कहा, “इस घटना का विवरण 1998 के शिकार प्रकरण से संबंधित है, जिसमें सलमान खान का नाम आया था. घटना लगभग रात एक बजे की है. उस समय गांव में गोलियों की आवाज सुनाई दी और गांव वाले वहां से भागने लगे. तीन हिरणों की लाशें मिलीं, जिनमें से एक दीवार से टकराया था. आरोप है कि सलमान और उसके साथी गाड़ी में थे और उन्होंने शिकार किया. जब स्थानीय लोगों ने उनका पीछा किया, तो वे जोधपुर की तरफ भागे.”

चश्मदीद थानाराम ने कहा, “उस रात की घटना के बाद पुलिस ने सलमान और उसके साथियों को गिरफ्तार किया. आरोप था कि उन्होंने शिकार किया. लेकिन, सलमान के परिवार ने यह दावा किया कि उनके बेटे ने किसी जीव को नुकसान नहीं पहुंचाया. इस पूरे मामले में लंबी कानूनी प्रक्रिया चली, जिसमें सलमान कुछ दिन जेल में भी रहा, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई.”

चश्मदीद हीराराम ने कहा, “घटनाक्रम में यह भी सामने आया कि यह प्रकरण कई साल से चल रहा था और अब सलमान के पिता ने अपने बेटे की बेगुनाही की बात की है. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने खुद इस घटना को देखा और यह कोई झूठा मामला नहीं है. उनका मानना है कि शिकार हुआ था और इस पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए. समाज में इस मामले को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है. कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सलमान का नाम जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जबकि वे सच्चाई जानने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यह पूरी घटना कई साल से चल रही है और अब तक इसका निवारण नहीं हुआ है, जिससे लोग और भी उत्तेजित हो गए हैं.”

चश्मदीद थानाराम ने कहा, “आखिर में समाज का एक हिस्सा इस मामले को पर्यावरण प्रेम और जीव-जंतु की रक्षा के नजरिए से देखता है, जबकि दूसरी ओर कुछ लोग इसे सलमान खान के साथ व्यक्तिगत दुश्मनी मानते हैं. इस पूरे प्रकरण ने एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें सत्य और न्याय की खोज जारी है. ”

एसएचके/एकेजे