कैथल, 22 अक्टूबर . सर्दी का मौसम दस्तक देते ही हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने के मामलों में तेजी देखने को मिलती है, इससे आबोहवा प्रदूषित होती है और आम लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता है.
वहीं, अभी तक तो सर्दी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू भी नहीं किया है कि हरियाणा के कैथल जिले में किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं, लेकिन अब इसे लेकर प्रशासन सख्त कार्रवाई करने का मन बना चुका है. प्रशासन ने जहां एक तरफ किसानों से पराली ना जलाने की अपील की है, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे नियम बनाए हैं, जिसे जमीन पर उतारे जाने के बाद निश्चित तौर पर पराली जलाने के मामले में कमी देखने को मिलेगी.
इसी पर कैथल जिले कृषि विभाग के उप महानिदेशक बाबू लाल का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, “कैथल जिले में आगजनी के मामलों की संख्या अब तक 123 हो चुकी है. इनमें से हमने 63 मामलों पर 1 लाख 57 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा, 22 एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.”
उन्होंने कहा, “हमने किसानों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव में टीमों का गठन किया है, जो पराली जलाने की अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्य कर रही हैं. इन टीमों में स्थानीय प्रतिनिधि और अनुभवी अधिकारी शामिल हैं, जो ग्रामीणों को इस समस्या के प्रति जागरूक कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, ब्लॉक स्तर पर एक टीम बनाई गई है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं. यह टीम फ्लैग मार्च कर रही है और किसानों को आगजनी के दुष्प्रभावों के बारे में समझा रही है. हमारा मुख्य संदेश यह है कि किसान पराली जलाने से बचें, क्योंकि यह न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि जानवरों के लिए भी हानिकारक हो सकता है. हम सभी से अपील करते हैं कि वे इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें और पराली जलाने से परहेज करें.”
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एसएचके/