अभिनेता सिद्दीकी को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई अंतरिम अग्रिम जमानत अवधि

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर . उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मलयालम अभिनेता सिद्दीकी की अंतरिम अग्रिम जमानत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी. सिद्दीकी पर एक युवा अभिनेत्री के साथ बलात्कार का आरोप है.

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की पीठ ने सिद्दीकी के वकील द्वारा केरल पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट पर जवाब देने के ल‍िए समय मांगे जाने के बाद अंतरिम राहत बढ़ाने का फैसला किया.

मलयालम अभिनेता ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के अनुसार जांच अधिकारी के समक्ष पेश हुए. हालांकि, दूसरे पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया.

केरल पुलिस ने कहा कि सिद्दीकी सबूतों को नष्ट करने के लिए अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं और जांच में असहयोग कर रहे हैं.

मामले की सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी और अंतरिम राहत की अवधि बढ़ाने का आदेश दिया.

30 सितंबर को पारित आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और उन्हें अंतरिम गिरफ्तारी-पूर्व जमानत प्रदान की.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा क‍ि याचिकाकर्ता की जमानत ट्रायल कोर्ट की शर्तों के अधीन है. उसे जब भी कहा जाएगा, तो जांच में शामिल होने और जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना होगा.”

सिद्दीकी के खिलाफ एक अभिनेत्री की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, जिसने उन पर 2016 में तिरुवनंतपुरम के एक सरकारी होटल में बलात्कार करने का आरोप लगाया था.

अभिनेत्री ने राज्य के पुलिस प्रमुख को ईमेल क आरोप लगाया कि तमिल फिल्म में भूमिका के बदले में यौन संबंधों की मांग करने से इनकार करने पर सिद्दीकी ने उसके साथ बलात्कार किया.

मामले के सामने आने के बाद एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) के महासचिव चुने गए सिद्दीकी ने पद छोड़ दिया. उसके बाद अध्यक्ष मोहनलाल की अध्यक्षता वाली पूरी कार्यकारी समिति ने भी इस्तीफा दे दिया.

सिद्दीकी ने कहा था क‍ि यह अभिनेत्री 2019 से सोशल मीडिया पर बार-बार यह दावा कर उन्हें परेशान कर रही थी कि उन्होंने 2016 में एक थिएटर में उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी. न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, उसने उसी वर्ष बलात्कार का आरोप लगाया.

सिद्दीकी के लिए परेशानी तब शुरू हुई, जब 24 सितंबर को केरल उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी और जांच टीम के सामने पेश होने को कहा.

अगस्त में जारी मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं की स्थिति पर न्यायमूर्ति हेमा समिति की विस्फोटक रिपोर्ट आने के बाद पुल‍िस ने विभिन्न फिल्मी हस्तियों के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की.

आरके/