कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में 600 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट होने को कहा

बेंगलुरु, 22 अक्टूबर . बेंगलुरु में भारी बारिश से कुछ अपार्टमेंट के परिसरों में पानी भर गया. ऐसे में कर्नाटक सरकार ने कुछ अपार्टमेंट के निवासियों को आठ दिन के लिए दूसरी जगह पर शिफ्ट होने के लिए कहा है. परिसर में बारिश का पानी भर जाने की वजह से निवासियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को बेंगलुरु में अपने आवास के पास मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “बेंगलुरु में कुछ अपार्टमेंट परिसरों को आठ दिनों के लिए बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.”

उन्होंने कहा, “अधिकारियों ने बताया है कि चौदेश्वरी नगर में 150 मिमी बारिश दर्ज की गई है. कुछ इलाकों में सामान्य से 300 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. हमने कुछ निवासियों से कहा है कि वे अपना घर बदल लें. केंद्रीय विद्यालय और टाटानगर से करीब 600 परिवारों को विस्थापित किया जा रहा है.”

शिवकुमार ने बताया कि मदद के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की पांच टीमें तैनात की गई हैं.

उन्होंने कहा, “हम नालों की सफाई के लिए 20-25 एचपी की मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और 20 जगहों से पानी निकाला जा रहा है. प्रकृति को रोका नहीं जा सकता. आपने दुबई में बाढ़ और नई दिल्ली में प्रदूषण देखा है.”

उन्होंने कहा, “हमारी टीम दिन-रात काम कर रही है. मैंने राहत कार्यों का भी निरीक्षण किया है. शहर के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में ज्यादा समस्याएं हैं. दशरहल्ली में एक टैंक फट गया है और महादेवपुरा जोन के पांच इलाके प्रभावित हैं. हम इन सभी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं.”

उपमुख्यमंत्री ने कहा, “पिछले 48 घंटों से हमारे अधिकारियों की टीम लगातार बारिश से प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में लगी है. इस समय राहत कार्य चलाना प्रभावित इलाकों में मेरे निजी दौरे से ज्यादा महत्वपूर्ण है.”

विपक्ष की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने जवाब दिया, “यह सिर्फ़ मेरे दौरे की बात नहीं है. महत्वपूर्ण बात यह है कि काम पूरा हो. अगर मैं दौरा करता हूं, तो इससे प्रचार मिल सकता है, लेकिन यह हमारी प्राथमिकता नहीं है. हमने ऐसी चुनौतियों का सामना कर रहे क्षेत्रों की पहचान करने और स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए समिति बनाई है. समिति जल्द ही रिपोर्ट पेश करेगी.”

एफजेड/एबीएम