नई दिल्ली, 22 अक्टूबर . इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़कों पर पूरी तरह से उतारने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन मिशन भारत सरकार की एक सकारात्मक पहल है. बिलियनई के सह-संस्थापक मुस्तफा वाजिद ने मंगलवार को यह बयान दिया.
‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024’ के साइड लाइन में से बात करते हुए मुस्तफा वाजिद ने कहा कि “सही मायने में सरकार ने सबसे पहले हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित किया है जो इस्पात उद्योग, उर्वरक उद्योग, अमोनिया और इसी तरह की औद्योगिक प्रक्रियाओं में आवश्यक है.”
यह शुरुआती दिन हैं क्योंकि राजमार्गों पर इलेक्ट्रिक वाहन लगाने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, मॉनिटरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म, संचार इत्यादि जैसी कई अन्य चीजों की भी जरूरत होती है.
मुस्तफा ने आगे कहा, “सब कुछ ठीक चल रहा है और हम अगले दो से तीन वर्षों में भारी वृद्धि और तेजी देखेंगे. हम ग्रीन इलेक्ट्रिसिटी को इलेक्ट्रिक वाहन के साथ इंटीग्रेट कर सकते हैं. इस तरह पूरे चक्र को पूरी तरह से सस्टेनेबल बना सकते हैं.”
उन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग और अनुकूलन क्षमता में सुधार की उम्मीद जताई है. उनका मानना है कि सरकार का अगला फोकस परिवहन होगा.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि अगला फोकस परिवहन पर होगा. यह विशेष रूप से लंबी दूरी के संचालन के लिए बड़े वाहनों में होगा और हम देखेंगे कि यह कैसे विकसित होता है लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि परिवहन या कोई भी औद्योगिक गतिविधि या कोई भी आर्थिक गतिविधि इकॉनमी के हिसाब से ठीक होनी चाहिए और विशेष रूप से लॉजिस्टिक उद्योग बहुत लागत संवेदनशील है.”
उन्होंने आगे कहा कि हाइड्रोजन की उपलब्धता, हाइड्रोजन तक पहुंच और हाइड्रोजन की लागत यह निर्धारित करेगी कि इसे कितनी स्वीकृति मिलेगी और यह अभी देखा जाना बाकी है.
इसके अलावा, एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में पहुंचे सस्टेनेबिलिटी और क्लाइमेट चेंज पार्टनर अजय पिल्लई ने से बातचीत में भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया भर में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया.
उन्होंने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है और यह दुनिया भर में सबसे अच्छी बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. इसलिए, हर किसी की तरह, मैं भी देखता हूं कि हम अच्छे हाथों में हैं और अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.”
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एसकेटी/एएस