डिजिटलाइजेशन नहीं होता तो आज हमारा आस्तित्व नहीं होता : ग्रो सीईओ

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर . ब्रोकिंग फर्म ग्रो के सह-संस्थापक और सीईओ, ललित केशरे ने सरकार के डिजिटलाइजेशन की तारीफ करते हुए कहा कि डिजिटल क्रांति के चलते देश में बड़ा बदलाव आया है. अगर ऐसा नहीं होता तो आज हमारी कंपनी का अस्तित्व नहीं होता.

‘एनडीटीवी वर्ल्ड इंडिया समिट-2024’ के साइडलाइन में से बातचीत करते हुए केशरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की और कहा कि उनके नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है.

इसके अलावा समिट में पैनल में केशरे ने बताया कि मैंने कॉलेज के दूसरे वर्ष में निवेश करना शुरू कर दिया था. मैं निवेश को लेकर बहुत जुनूनी था और मुझे अच्छे लोग मिले, जो आज हमारे साथ सह-संस्थापक हैं.

भारत में इक्विटी निवेश की वृद्धि के बारे में आगे बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे जैसे लोगों ने इसे बहुत आसान और पारदर्शी बना दिया है. पहले निवेश कुछ शहरों तक ही सीमित था, लेकिन अब बहुत सारे ग्राहक छोटे शहरों से आ रहे हैं.”

ग्रो के आईपीओ को लेकर उन्होंने कहा कि यह कभी न कभी भविष्य में जरूर होगा, लेकिन नहीं पता कि कब होगा.

डिजिटलाइजेशन के कारण भारत में डीमैट खातों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. सितंबर महीने में डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 17.5 करोड़ हो गई.

बीते महीने ग्रो के ग्राहकों की संख्या 3.1 प्रतिशत बढ़कर 1.23 करोड़ हो गई थी. कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में 15 आधार अंकों का इजाफा हुआ और यह 25.6 प्रतिशत हो गई है. बाजार हिस्सेदारी के मामले में ग्रो देश की सबसे बड़ी ब्रोकिंग फर्म है.

वर्तमान में शीर्ष पांच डिस्काउंट ब्रोकर्स के पास एनएसई के कुल सक्रिय ग्राहकों का 64.5 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में यह आंकड़ा 61.9 प्रतिशत था.

एबीएस/एबीएम