देहरादून, 21 अक्टूबर . उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने प्रदेश में बिजली आपूर्ति को स्मार्ट और पारदर्शी बनाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू कर दिया है. इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत और बिल की स्थिति के बारे में सही जानकारी प्रदान करना है. हालांकि, इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है.
कांग्रेस ने स्मार्ट मीटर लगाने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि प्रदेश में महंगाई चरम पर है और सरकार जनता तथा किसानों को ठगने का काम कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि ऐसे समय में स्मार्ट मीटर लगाना, जब लोग पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, उचित नहीं है. कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा विधायक विनोद चमोली की प्रतिक्रिया सामने आई है.
भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी केवल कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के कारण स्मार्ट मीटर का विरोध कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बिजली चोरी और भ्रष्टाचार का ठेका ले रखा है, इसलिए उन्हें स्मार्ट मीटर से परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपराधियों को संरक्षण देने, भ्रष्टाचार को जारी रखने और बिजली चोरी होने देने का ठेका लिया है. कांग्रेस उसी राह पर आगे बढ़ रही है.
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि स्मार्ट मीटर लगाए गए, तो उपभोक्ताओं को अपनी खपत के अनुसार रीडिंग देनी पड़ेगी, जिससे किसानों को लाभ होगा. उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय दल और प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते आखिर क्या बढ़ावा देना चाहती है.
उन्होंने मीडिया से भी सवाल किया कि कांग्रेस इस तरह की बिजली चोरी की प्रवृत्ति को क्यों बढ़ावा दे रही है. शहरों में भी हमने स्मार्ट मीटर लगाए हैं. मेरे घर में भी स्मार्ट मीटर लगा हुआ है. हमें इससे कोई आपत्ति नहीं हुई. यदि हमारी बिजली की खपत हो रही है और उसके अनुसार हमें बिल का भुगतान करना है, तो इसमें समस्या क्या है?
उन्होंने कांग्रेस के विरोध को गलत बताते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर जनहित में एक सकारात्मक कदम है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और बिजली चोरी पर अंकुश लगेगा.
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पीएसके/एबीएम