कर्नाटक हाई कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज की

बेंगलुरु, 21 अक्टूबर . कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक भाषण के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.

राहुल गांधी ने अपने भाषण में हासन से पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर ‘सामूहिक बलात्कार’ का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने राजनीतिक सभा को संबोधित करने के दौरान रेवन्ना पर यह आरोप लगाया था. राहुल गांधी के खिलाफ ऑल इंडिया दलित एक्शन कमिटी की ओर से यह याचिका दायर की गई थी.

मुख्य न्यायाधीश एन.वी. अंजारिया और न्यायमूर्ति के. अरविंद की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका न्यायिक समय की बर्बादी है और उन्होंने याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया.

याचिकाकर्ता के वकील ने आज दलील दी कि राहुल गांधी ने अपने गैर-जिम्मेदाराना बयानों से भारतीय महिलाओं, विशेषकर हसन की महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि कम से कम नोटिस जारी किया जाए ताकि गांधी को जवाब देने का निर्देश दिया जा सके.

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि राहुल गांधी एक सीरियल अपराधी है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि मोदी सरनेम वाले सभी लोग चोर हैं. उनकी (गांधी की) नागरिकता पर ही सवाल उठ रहे हैं और दिल्ली उच्च न्यायालय इस मामले पर विचार कर रहा है. वकील ने आगे कहा कि यह एक गंभीर मामला है. मैं इसे वापस नहीं लूंगा. मनगढ़ंत बयानों के कारण सभी भारतीय महिलाओं की गरिमा दांव पर लगी है. मैं प्रार्थना करता हूं कि कम से कम नोटिस जारी किए जाएं. उन्हें आकर स्पष्टीकरण देने दें.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक चुनावी सभी को संबोधित करते हुए कहा था कि जनता दल (सेक्युलर) के नेता प्रज्वल रेवन्ना ने 400 महिलाओं के साथ बलात्कार किया और इस कृत्य को फिल्माया. उन्होंने आगे कहा था कि यह सेक्स स्कैंडल नहीं, बल्कि सामूहिक बलात्कार था.

पीएसके/एकेजे