नई दिल्ली, 20 अक्टूबर, . इजरायल की लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ सैनिक कार्रवाई जारी है. आईडीएफ का कहना है कि उसके लड़ाकू विमानों ने रविवार सुबह हिजबुल्लाह के खुफिया विभाग के एक कमांड सेंटर और बेरूत में एक भूमिगत हथियार मैन्यूफैक्चरिंग साइट पर हमला किया.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हमले से पहले, आईडीएफ ने क्षेत्र में नागरिकों को निकासी की चेतावनी जारी की.
इसके अलावा दक्षिणी लेबनान में अलग-अलग हमलों में इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के तीन प्रमुख सदस्यों को मार गिराया.
आईडीएफ ने उनके नाम अल-हज्ज अब्बास सलामेह, हिजबुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे का एक वरिष्ठ सदस्य, रेडा अब्बास औदा, एक कम्युनिकेशन एक्सपर्ट और अहमद अली हुसैन बताए हैं. हुसैन हथियार निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रहा था.
इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया हिजबुल्लाह का डिप्टी लीडर और संगठन के उप महासचिव नईम कासिम इस समय ईरान में है. करीब हफ्ते पहले वह एक ईरानी प्लेन से लेबनान से भागने में कामयाब रहा. द टाइम ऑफ इजरायल के मुताबिक यूएई बेस्ड एरेम न्यूज ने एक अज्ञात ईरानी सूत्र के हवाले से यह खुलासा किया.
सूत्र का कहना है कि इजरायल द्वारा हत्या के डर से इस्लामिक गणराज्य के शीर्ष नेताओं ने उनके स्थानांतरण का आदेश दिया था.
रिपोर्ट के मुताबिक कासिम कथित तौर पर 5 अक्टूबर को तेहरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची द्वारा लेबनान और सीरिया की राजकीय यात्रा के लिए इस्तेमाल किए गए विमान से बेरूत से रवाना हुआ.
71 वर्षीय नईम कासिम को अक्सर हिजबुल्लाह में ‘नंबर दो’ के रूप में देखा जाता है. कासिम का शिया राजनीति से लंबा जुड़ाव रहा है.
बता दें इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने पिछले 27 सितंबर को, हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराया था. वह 30 साल की उम्र में 1992 में हिजबुल्लाह का महासचिव बना था. अगले 32 वर्षों में उसने हिजबुल्लाह को न सिर्फ लेबनान बल्कि मध्य पूर्व की एक बड़ी ताकत बना दिया था.
नसरल्लाह की मौत के बाद कासिम ने 30 सितंबर को कहा कि ईरान समर्थित लेबनानी संगठन अपनी लड़ाई में ‘विजेता बनकर उभरेगा.’ उसने कहा कि उनका ग्रुप लेबनान पर इजरायली सेना के जमीनी हमले का मुकाबला करेगा.
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