नई दिल्ली, 20 अक्टूबर . दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को “शीशमहल” को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा.
सचदेवा ने कहा, “हाल ही में एक सरकारी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें केजरीवाल के निवास स्थान, जिसे “शीशमहल” कहा जाता है, में उपलब्ध सुविधाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है. यह रिपोर्ट इस बात का खुलासा करती है कि कैसे केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के टैक्स के पैसों का उपयोग किया है, और यह समझने में मदद करती है कि वे अपने इस महल को सार्वजनिक रूप से क्यों नहीं दिखाना चाहते.”
उन्होंने कहा, “शीशमहल में सबसे पहले जो बात ध्यान में आती है, वह है वहां की टॉयलेट शीट. रिपोर्ट के अनुसार, एक स्मार्ट टॉयलेट शीट की कीमत 10 से 12 लाख रुपये है. यह एक ऐसा उपकरण है, जिसमें कई स्वचालित सुविधाएं होती हैं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या इतनी महंगी टॉयलेट शीट आम लोगों के लिए उपलब्ध हैं?”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, महल में लगभग 15 करोड़ रुपये का सेनिटरी इंस्टॉलेशन कार्य हुआ है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है. महल में लगे विंडो कवरिंग्स की कीमत भी 5 से 6 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह सब कुछ उस नेता की छवि के विपरीत है, जो हमेशा सरकारी सुविधाएं न लेने का दावा करते हैं.”
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “शीशमहल में 16 टीवी सेट लगे हुए हैं, और एक टीवी की कीमत चार लाख रुपये है. इसका मतलब है कि सिर्फ टीवी सेट्स पर कुल खर्च 64 लाख रुपये से अधिक है. इसके अलावा, एक विशेष कुर्सी भी है, जो पूरे शरीर को एयर प्रेशर मसाज देती है, जिसकी कीमत दो लाख रुपये है.”
भाजपा नेता ने कहा, “महल में लगी एलईडी लाइट्स की कीमत भी चौंकाने वाली है. तीन एलईडी लाइट्स की कीमत लगभग 19 लाख रुपये है. महल की रसोई में भी कई महंगे उपकरण हैं, जैसे कि सैमसंग का मल्टी डोर रेफ्रिजरेटर, जिसकी कीमत लगभग नौ लाख रुपये है. माइक्रोवेव की कीमत छह लाख रुपये और ओवन की कीमत भी नौ लाख रुपये है.”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, शीश महल में एक हॉट वॉटर जनरेटर है, जिसकी कीमत साढ़े 22 लाख रुपये बताई गई है. अन्य महंगी सुविधाओं में शावर कवरिंग भी शामिल है, जिसकी लागत लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपये है. इस सब के बीच, केजरीवाल की ईमानदारी पर सवाल उठता है. वह अपने राजनीतिक भाषणों में हमेशा ईमानदारी और पारदर्शिता की बात करते रहे हैं. लेकिन, उनके निवास की भव्यता और सुविधाएं इस कथन से मेल नहीं खाती हैं. यह सब बातें धीरे-धीरे जनता के सामने आ रही हैं, और यह देखना होगा कि इस खुलासे के बाद उनके प्रति जनता का क्या दृष्टिकोण होगा. क्या वह अपनी कथनी और करनी में सामंजस्य लाएंगे, या फिर इस स्थिति को नजरअंदाज करेंगे? यह सवाल अब दिल्ली की जनता के सामने है.”
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एसएचके/एकेजे