नई दिल्ली, 18 अक्टूबर . भारत के डेटा सेंटर मार्केट का मूल्य 2023 में 7 बिलियन डॉलर था, इसके अगले दो वर्षों में 8 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है.
एक नई रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारत के डेटा सेंटर मार्केट के 2025 तक 8 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़कर 8 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
इसके अतिरिक्त, एक टेक-इनेबल्ड मार्केट इंटेलिजेंस फर्म 1लैटिस की रिपोर्ट के अनुसार, देश की डेटा सेंटर क्षमता 2023 में 1,150 मेगावाट से बढ़कर 2025 तक 1,700 मेगावाट हो जाएगी. इसमें 22 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि देखी जाएगी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में डेटा सेंटर की बढ़ती संख्या के साथ ये शहर कोलोकेशन सेवाओं के लिए सेंट्रल हब बन गए हैं, जो देश की क्षमता का 55 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं.
1लैटिस के निदेशक (प्रौद्योगिकी एवं इंटरनेट) अभिषेक मैती ने कहा, “डेटा खपत में वृद्धि, उभरती टेक्नोलॉजी का उदय और मजबूत सरकारी समर्थन मिलकर भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते डेटा सेंटर मार्केट में से एक बना रहे हैं.”
रिपोर्ट में डेटा सेंटर सेक्टर को बढ़ावा देने में ‘डेटा सेंटर प्रोत्साहन योजना’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी सरकारी पहलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया गया.
मैती ने कहा, “इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी में निवेश इस परिवर्तन को लेकर अहम भूमिका निभाएंगे.”
वैश्विक स्तर पर, डेटा सेंटर मार्केट 2023 में 227 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 तक 250 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो क्लाउड कंप्यूटिंग, एज टेक्नोलॉजीज और एआई/एमएल को ग्लोबली अपनाने से जुड़े हैं.
यह उद्योगों द्वारा डेटा को मैनेज और स्टोर करने के तरीके को नया रूप दे रहा है.
भारत में अगले चार वर्षों में 500 मेगावाट अतिरिक्त डेटा सेंटर कैपेसिटी जोड़ने की क्षमता है. डेटा सेंटर सेक्टर 2019 में 540 मेगावाट से दोगुना होकर 2023 में 1,011 मेगावाट हो गया है.
इसी के साथ भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बन गया है. देश में इस वर्ष की पहली छमाही में डेटा सेंटर में 21 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, क्योंकि टियर 2 और 3 शहरों से एज डेटा सेंटर की मांग बढ़ी है.
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