नई दिल्ली, 18 अक्टूबर . नई टेक्नोलॉजी ने डिफेंस सेक्टर को ट्रांसफॉर्म किया है. आज पारंपरिक युद्ध का जो स्वरूप हम अपने आसपास देखते हैं, वह आज से 50-60 साल पहले के स्वरूप से कहीं ज्यादा अलग है. जमीन पर, हवा में या फिर समुद्र में जिन हथियारों एवं उपकरणों का प्रयोग होता था, आज टेक्नोलॉजी की वजह से उनमें बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है. यह बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कही.
वह दिल्ली में आयोजित रक्षा प्रौद्योगिकी पर आयोजित डीआरडीओ की एक कार्यशाला में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि डिफेंस सेक्टर में टेक्नोलॉजी का प्रभाव सिर्फ कन्वेंशनल वाॅरफेयर तक ही सीमित नहीं रहा. टेक्नोलॉजी ने रक्षा क्षेत्र में एक नए गैर परंपरागत वाॅरफेयर को जन्म दिया है. ड्रोन, साइबर वाॅरफेयर, जैविक हथियार और स्पेस डिफेंस जैसे अनेक एलिमेंट डिफेंस सेक्टर के लिए एक चुनौती बनकर उभरे हैं.
इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने रिसर्चर्स को संबोधित करते हुए कहा कि एक परिवर्तनकारी दौर में जिस तरह से आप डिफेंस व रिसर्च एवं डेवलपमेंट के क्षेत्र में अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं, वह निश्चित रूप से हमारे डिफेंस सेक्टर को और भी ज्यादा मजबूत बनाएगा.
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह काम कोई एक संस्था या इंस्टीट्यूशन अकेले नहीं कर रहा है बल्कि स्टार्टअप, देश के वैज्ञानिक, उद्योगपति, शिक्षा जगत व युवा उद्यमी सभी एक साथ मिलकर इस काम को कर रहे हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि, “मुझे ऐसा लगता है कि वक्त आ गया है जब डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को लीड लेना चाहिए, मैं भागीदारी की बात नहीं कर रहा हूं बल्कि प्राइवेट सेक्टर को अब लीड लेना चाहिए. ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि प्राइवेट इंडस्ट्री तेजी से हो रहे परिवर्तनों को आत्मसात करने के साथ-साथ नए नवाचार बनाने की भी क्षमता रखती है.”
रक्षा मंत्री का कहना है कि आज दुनिया जिस तरह से बदल रही है, टेक्नोलॉजी और रिसर्च का महत्व भी उसी अनुपात में तेजी से बदल रहा है. टेक्नोलॉजी की वर्तमान समय में क्या भूमिका है और भविष्य में क्या भूमिका होने वाली है, सभी लोग इससे परिचित हैं. भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय भारत के डिफेंस सेक्टर को और भी ज्यादा इनोवेटिव और टेक्नोलॉजी ओरिएंटेड बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार व रक्षा मंत्रालय देश के रक्षा क्षेत्र को और अधिक आधुनिक और टेक्नोलॉजी ओरिएंटेड बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम रक्षा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, वह हमारे रक्षा क्षेत्र को सशक्त व मजबूत बनाएगा.
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जीसीबी/एबीएम