भारत का कंटेंट क्रिएशन मार्केट 2035 तक 480 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा : ज्योतिरादित्य सिंधिया

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर . भारत के कंटेंट क्रिएशन मार्केट का तेजी से विस्तार हो रहा है. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि भारत दुनिया की कंटेंट क्रिएशन राजधानी बनने की ओर अग्रसर है.

2035 तक कंटेंट क्रिएशन बाजार मौजूदा 30 अरब डॉलर से बढ़कर 480 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

राष्ट्रीय राजधानी में ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024’ के दौरान एक पैनल चर्चा को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने सूचना तक पहुंच की स्वतंत्रता पर जोर दिया.

इसी के साथ उन्होंने डिजिटल क्रांति को लेकर 6जी जैसी नेक्स्ट जनरेशन टेक्नोलॉजी को अपनाए जाने की महत्ता पर प्रकाश डाला.

ईवाई की हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष भारतीय कंटेंट इंडस्ट्री का आकार 30.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि कंटेंट क्रिएशन में एआई राजस्व स्रोतों का विस्तार करने, लागत कम करने और नए बाजारों में प्रवेश करने का एक अवसर है.

विशेष रूप से टियर 2 और 3 शहरों में कंटेंट कंजप्शन का पैटर्न डेवलप हो रहा है.

उन्होंने कहा कि एआई रियल टाइम में बातचीत की सुविधा प्रदान करता है, इसलिए क्रिएटिव इकॉनोमी तेजी से बढ़ने वाली है.

एआई ह्यूमन क्रिएटिविटी की जगह लेने के बजाय उसके पूरक के रूप में काम करेगा.

एआई क्षेत्रीय कंटेंट को बढ़ावा दे रहा है. भारत में करीब 95 प्रतिशत यूट्यूब का इस्तेमाल क्षेत्रीय भाषाओं में किया जा रहा है. जो कि बीते कुछ वर्षों में इंग्लिश-स्पीकिंग ट्रेंड से एक नए शिफ्ट को दर्शाता है.

उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि एआई-संचालित सामग्री शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकती है और सही जानकारी पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकती है.

राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के साथ ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ के 8वें संस्करण की शुरुआत हुई.

कार्यक्रम का आधिकारिक उद्घाटन करने से पहले पीएम मोदी ने प्रदर्शनी क्षेत्र का भ्रमण किया.

‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024’ में 400 से अधिक प्रदर्शक, लगभग 900 स्टार्टअप और 120 से अधिक देशों की भागीदारी रही.

इस कार्यक्रम में 900 से अधिक प्रौद्योगिकी उपयोग परिदृश्यों का प्रदर्शन रहा, जिसमें 600 से अधिक वैश्विक और भारतीय वक्ताओं के साथ 100 से अधिक सत्र आयोजित हुए.

एसकेटी/एएस