शराब माफियाओं से है शराबबंदी का विरोध करने वालों का संबंध : दिलीप जायसवाल

पटना, 18 अक्टूबर . बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर राजनीतिक बयानबाजियां जारी है. एक तरफ विपक्ष के लोग सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, तो दूसरी तरफ सरकार जांच की बात कहते हुए दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की बात कह रही है. इसी बीच, शुक्रवार को बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि शराबबंदी का विरोध करने वाले लोगों का संबंध शराब माफिया से है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले की जांच कराई जाए.

दिलीप जायसवाल ने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब अपराध की घटनाएं ज्यादा होती थी. मैं बार-बार बोलता हूं कि शराबबंदी के बाद आपराधिक घटनाओं में काफी कमी आई है. चाहे वह जहरीली शराब से हो रही मौतें हैं या फिर महिलाओं से संबंधित अपराध है.

उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए, जब शराब खुलेआम बिकती थी, तब सड़क दुर्घटनाओं की संख्या सबसे ज्यादा थी. लोग शराब पीकर लोग गाड़ी चलाते थे, जिससे हादसे होते थे.

जायसवाल ने कहा कि शराब बंदी से न केवल समाज के हालात में सुधार आया है, बल्कि यह महिलाओं के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है. बिहार के विकास के लिए जरूरी है कि हम समाज के संस्कारों को न बिगाड़ें. क्या हम आने वाली पीढ़ी की जिंदगी को बर्बाद करके पैसा कमाने की सोचें? जिन नेताओं ने शराबबंदी को खत्म करने की बात की है, उनका कहीं न कहीं शराब माफियाओं से संबंध हो सकता है. मैं सरकार से अनुरोध करूंगा कि इस पर जांच होनी चाहिए. जो नेता शराब माफियाओं का समर्थन कर रहे हैं, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए.

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जब शराबबंदी नहीं थी, तब कितनी मौतें हुई थी और अब कितनी हुई हैं? आज साल में एक-दो ही ऐसी घटनाएं होती हैं. लेकिन जब शराब खुली थी, तब यह संख्या दस गुना अधिक थी. हमें इस मुद्दे पर सच्चाई सामने लाने की जरूरत है. जब तक शराब बिहार में चल रही थी, तब समाज की हालत बहुत खराब थी. विशेषकर महिलाओं पर उत्पीड़न बढ़ गया था.

दिलीप जायसवाल ने बिहार विधानसभा के लिए चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कहा कि भाजपा का चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है. हमारी पार्टी आश्वस्त हैं कि सभी सीटों पर एनडीए की जीत होगी.

पीएसके/एएस