नई दिल्ली, 15 अक्टूबर . भारत इन दिनों अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ नौसैनिक अभ्यास ‘मालाबार 2024’ में हिस्सा ले रहा है. चारों देशों के बीच यह संयुक्त नौसैनिक अभ्यास विशाखापत्तनम में किया जा रहा है.
नौसेना ने मंगलवार को बताया कि अब ‘मालाबार अभ्यास 2024’ का समुद्री चरण विशाखापत्तनम के तट पर शुरू हो गया है. इस चरण में भाग लेने वाली नौसेनाएं सतह, सब-सरफेस और वायु युद्ध क्षेत्रों में अभ्यास करते हुए समुद्री युद्ध संचालन की एक विस्तृत श्रृंखला में शामिल होंगी. इस उन्नत और जटिल अभ्यास का उद्देश्य इन देशों के बीच आपसी समझ और समन्वय को बढ़ाना और साथ ही समुद्र में एक संयुक्त कार्य बल के रूप में निर्बाध रूप से संचालन करना भी है. भारतीय नौसेना की पनडुब्बियां सब-सरफेस युद्ध अभ्यासों में भाग लेंगी. भाग लेने वाले देशों के विशेष बलों के संयुक्त अभ्यास भी इस चरण में शामिल किए जाएंगे.
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका की नौसेनाओं के युद्धपोत, हेलीकॉप्टर और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों का बंगाल की खाड़ी में एक साथ अभ्यास करना इन देशों के बीच उच्च स्तरीय सहयोग और परिचालन तालमेल को दर्शाता है. यह समुद्री चरण भाग लेने वाले देशों के बीच अंतर-संचालन को सुदृढ़ बनाएगा. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ाने में सहायक होगा. समुद्री चरण का समापन 18 अक्टूबर को होगा.
भारतीय नौसैनिक जहाज ‘सतपुड़ा’ पर बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास ‘मालाबार 2024’ का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया. अभ्यास ‘मालाबार 2024’ तट और समुद्र दोनों स्तरों पर दो अलग-अलग चरणों में आयोजित किया जा रहा है. ‘मालाबार 2024’ में लाइव फायरिंग, जटिल सतह, हवा-रोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध सैनिक अभ्यास के साथ-साथ संयुक्त युद्धाभ्यास शामिल हैं. यह अभ्यास विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान के तत्वावधान में हो रहा है जो साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण तालमेल स्थापित करने में विशेष रूप से मददगार है.
बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास ‘मालाबार’ का 28वां संस्करण 8 अक्टूबर को शुरू हुआ था. यह अभ्यास 18 अक्टूबर तक चलेगा. ‘मालाबार’ की शुरुआत 1992 में भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुई थी. बाद में जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल हो गए. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के कमांडरों ने समुद्री चुनौतियों पर इस अभ्यास के दौरान चर्चा की है.
–
जीसीबी/एससीएच/एकेजे